Saphala Ekadashi पर इस विधि से करें तुलसी जी की पूजा विधि, पूरी होगी हर मनोकामना
एकादशी (ekadashi december 2024) तिथि पर भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करना भी काफी शुभ माना जाता है। ऐसे में यदि आप इस दिन पर खास तौर से तुलसी जी की पूजा करते हैं तो इससे आपको प्रभु श्रीहरि का भी आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। चलिए जानते हैं तुलसी माता की पूजा विधि और मंत्र।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पौष माह की सफला एकादशी गुरुवार, 26 दिसंबर को मनाई जाएगी। यह साल की आखिरी एकादशी भी होने वाली है। एकादशी के दिन विष्णु जी के भोग में तुलसी दल जरूर शामिल करने चाहिए। बस इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें। और न ही इस दिन तुलसी में जल अर्पित न करें। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु के निमित्त व्रत करती हैं और ऐसा करने से उनके व्रत में विघ्न पड़ सकता है।
तुलसी जी की पूजा विधि
- सफला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं।
- मंदिर की सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें।
- इसके बाद एक भगवान विष्णु को पूजा के दौरान चंदन, फल और तुलसी दल अर्पित करें।
- अब तुलसी को लाल चुनरी अर्पित करें।
- तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं।
- तुलसी जी को सिंदूर, रोली, चंदन, और नैवेद्य अर्पित करें।
- तुलसी की 11 या 21 बार परिक्रमा करें।
- इसके बाद तुलसी चालीसा का पाठ और आरती करें।
- तुलसी को खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं।
तुलसी जी के मंत्र
महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
मां तुलसी पूजन मंत्र-
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
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तुलसी माता ध्यान मंत्र -
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
तुलसी नामाष्टक मंत्र -
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
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तुलसी स्तुति मंत्र -
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
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