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    Rama Ekadashi 2025 Date: 16, 17 या 18 अक्टूबर, कब है रमा एकादशी? यहां नोट करें शुभ मुहूर्त और योग

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 08:44 PM (IST)

    कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली रमा एकादशी (Rama Ekadashi 2025 Date) इस वर्ष 17 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य देव कन्या राशि से तुला राशि में गोचर करेंगे, जिससे तुला संक्रांति का महासंयोग बनेगा। यह दिन धनतेरस की खरीदारी के लिए भी शुभ माना जाता है।

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    Rama Ekadashi 2025 Date: रमा एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक का महीना जगत के पालनहार भगवान विष्णु और देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस महीने में रोजाना लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी तिथि पर व्रत रखा जाता है। इसके अलावा, कार्तिक महीने में दीवाली मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

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    इसके साथ ही कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष में रमा एकादशी मनाई जाती है। यह दिन बेहद खास होता है। इस शुभ तिथि से लोग धनतेरस की खरीदारी करने लगते हैं। इस साल रमा एकादशी के अगले दिन धनतेरस का संयोग बन रहा है। इसके लिए तिथि को लेकर भक्तजन दुविधा में हैं। आइए, रमा एकादशी की सही तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर
    •  सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 49 मिनट पर
    •  ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 43 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक
    •  विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से 02 बजकर 46 मिनट तक
    •  गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 49 मिनट से 06 बजकर 14 मिनट तक
    •  निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक

    कब है रमा एकादशी?

    वैदिक पंचांग की गणना अनुसार, 16 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी और 17 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 12 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में कई पर्व उदया तिथि से मनाई जाती है। इसके लिए शुक्रवार 17 अक्टूबर को रमा एकादशी मनाई जाएगी।

    रमा एकादशी पारण समय

    शुक्रवार 17 अक्टूबर को रमा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। वहीं, गुरुवार 18 अक्टूबर को एकादशी का पारण किया जाएगा। साधक 18 अक्टूबर को एकादशी का पारण सुबह 06 बजकर 24 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 41 मिनट के मध्य स्नान-ध्यान, पूजा-पाठ और अन्न-धन का दान करने के बाद कर सकते हैं।  

    रमा एकादशी पर महासंयोग

    ज्योतिषियों की मानें तो रमा एकादशी के दिन शिववास और शुक्ल योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल प्राप्त होगा। साथ ही साधक पर लक्ष्मी नारायण जी की कृपा बरसेगी।

    रमाएकादशी पूजा विधि

    कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन ब्रह्म बेला में उठें। इस समय लक्ष्मी नारायण जी को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। इसके बाद दैनिक कामों से निवृत्त होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें। अब आचमन कर पीले रंग के नए कपड़े पहनें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।

    इसके बाद पंचोपचार कर एक चौकी पर पीले रंग के वस्त्र बिछाकर उन पर लक्ष्मी नारायण जी की प्रतिमा स्थापित करें। अब भक्ति भाव से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें। पूजा में लक्ष्मी नारायण जी को श्रीफल, फल, फूल और चावल की खीर अर्पित करें। इस समय रमा व्रत कथा का पाठ और मंत्र का जप करें। वहीं, पूजा का समापन आरती से करें। दिन भर उपवास रखें। वहीं, संध्याकाल में आरती कर फलाहार करें। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।