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    Putrada Ekadashi पर जरुर करें तुलसी से जुड़े ये काम, नहीं सताएगी धन की कमी

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 03:30 PM (IST)

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से साधक को संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। एकादशी के दिन तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है। ऐसे में चलिए जानते हैं एकादशी के दिन तुलसी से जुड़े कुछ नियम।

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    Putrada Ekadashi 2025: पुत्रदा एकादशी पर तुलसी से जुड़े नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। साल की दो बार पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जाता है, जिसमें से एक पौष माह में आती है और दूसरी सावन माह में। सावन माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को सावन पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता है। इस बार यह एकादशी 5 अगस्त को मनाई जाएगी।

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    वैष्णव समुदाय में इसे पवित्रोपना एकादशी या फिर पवित्र एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप इस  दिन पर तुलसी से जुड़े कुछ खास नियमों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। 

    भूलकर भी न करें ये काम

    हिंदू मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी में जल अर्पित नहीं करना चाहिए। न ही तुलसी के पत्ते उतारने चाहिए और न ही तुलसी को स्पर्श करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि एकादशी तिथि पर तुलसी जी, भगवान विष्णु के निमित्त निर्जला व्रत करती हैं।

    ऐसे में इस सभी कार्यों को करने से उनके व्रत में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसके साथ ही एकादशी के दिन तुलसी के आसपास गंदगी भी न रखें और न ही तुलसी के समक्ष जूते-चप्पल व झाड़ू आदि रखें। 

    रखें इन बातों का ध्यान

    एकदाशी के दिन भगवान विष्णु के भोग में तुलसी पत्र जरूर शामिल करें, क्योंकि तुलसी के बिना प्रभु श्रीहरि का भोग अधूरा माना है। एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते उतारने की मनाही है। ऐसे में आप एक दिन पहले भी तुलसी के पत्ते उतारकर रख सकते हैं। 

    यह भी पढ़ें- Pausha Putrada Ekadashi 2025: एक क्लिक में पढ़ें पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पारण का समय

    जरूर करें ये काम

    एकादशी के दिन सूर्यास्त होने के बाद तुलसी के पास घी का दीपक जरूर जलाएं। इसके साथ ही तुलसी की 7 बार परिक्रमा करें और तुलसी जी के मंत्रों का जप करें। ऐसा करने से साधक के जीवन में शुभता बनी रहती हैं और घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है।

    करें इन मंत्रो का जप

    एकादशी के दिन तुलसी पूजा के दौरान आप इन मंत्रों का जप कर सकते है -

    1. महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

    2. वृंदा देवी-अष्टक मंत्र -

    गाङ्गेयचाम्पेयतडिद्विनिन्दिरोचिःप्रवाहस्नपितात्मवृन्दे ।

    बन्धूकबन्धुद्युतिदिव्यवासोवृन्दे नुमस्ते चरणारविन्दम् ॥

    यह भी पढ़ें- Putrada Ekadashi 2025: कई मंगलकारी योग में मनाई जाएगी पुत्रदा एकादशी, संतान सुख का मिलेगा वरदान

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।