Putrada Ekadashi 2025: सावन पुत्रदा एकादशी कब है? यहां जानें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त
सनातन शास्त्रों में निहित है कि सावन पुत्रदा एकादशी व्रत करने वाले साधक पर लक्ष्मी-नारायण जी की असीम कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही मृत्यु के बाद साधक को उच्च लोक में स्थान मिलता है।
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Putrada Ekadashi 2025: सावन पुत्रदा एकादशी का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना देवों के देव महादेव को बेहद प्रिय है। इस महीने में भगवान शिव और मां पार्वती पृथ्वी लोक पर आते हैं। इस शुभ अवसर पर सावन महीने में रोजाना सृष्टि के रचयिता भगवान शिव और जगत की देवी मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही सावन सोमवार पर व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना यथाशीघ्र पूरी हो जाती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
सावन महीने में पुत्रदा एकादशी भी मनाई जाती है। इस व्रत को करने से निसंतान दंपति को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। साथ ही लक्ष्मी नारायण जी की कृपा साधक पर बरसती है। आइए, पुत्रदा एकादशी (Shravana Putrada Ekadashi 2025) की तिथि एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
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कब मनाई जाती है पुत्रदा एकादशी?
हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और देवी मां लक्ष्मी की पूजा एवं भक्ति की जाती है। शास्त्रों में वर्णित है कि सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत करने से संतान सुख मिलता है।
पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त (Putrada Ekadashi Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 04 अगस्त को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर होगी। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 05 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इस प्रकार 05 अगस्त को पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी।
पुत्रदा एकादशी पारण (Putrada Ekadashi Paran Timing)
पुत्रदा एकादशी का पारण 06 अगस्त को किया जाएगा। साधक 06 अगस्त को सुबह 05 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 26 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। पारण करने से पहले स्नान-ध्यान कर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें। वहीं, पूजा के बाद अन्न का दान अवश्य करें। इसके बाद पुत्रदा एकादशी का पारण करें।
पुत्रदा एकादशी शुभ योग (Putrada Ekadashi Shubh Yoga)
ज्योतिषियों की मानें तो पुत्रदा एकादशी के दिन कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इनमें रवि, शिववास और इंद्र योग प्रमुख हैं। साथ ही भद्रावास योग का भी संयोग है। इन योग में जगत के पालनहार भगवान विष्णु और देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
- चन्द्रोदय- दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर
- चन्द्रास्त- देर रात 02 बजकर 27 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 42 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से 03 बजकर 35 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 16 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात 12 बजे से 12 बजकर 40 मिनट तक
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