Putrada Ekadashi 2024 Date: दो मंगलकारी योग में मनाई जाएगी पौष पुत्रदा एकादशी, नोट करें पूजा और पारण का टाइम
हर वर्ष पौष महीने में पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2024 Date) मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पुत्र प्राप्ति के इच्छुक साधक पौष पुत्रदा एकादशी पर व्रत रख विधि विधान से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं। इस व्रत को करने से साधक को हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में पौष पुत्रदा एकादशी पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व हर वर्ष पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से निसंतान दंपति एवं नवविवाहित दंपति को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। वहीं, सामान्य जन को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साधक श्रद्धा भाव से एकादशी तिथि पर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो दो मंगलकारी योग में पौष पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। आइए, पौष पुत्रदा एकादशी की डेट (Pausha Putrada Ekadashi 2025 Date) शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
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पौष पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 09 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर होगी। वहीं, 10 जनवरी को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की समाप्ति होगी। उदया तिथि की गणना के अनुसार, 10 जनवरी को पौष पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी।
मंगलकारी योग
पौष पुत्रदा एकादशी पर दो शुभ एवं मंगलकारी योग का निर्माण हो रहा है। इनमें सबसे पहले शुभ योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष शुभ योग को उत्तम मानते हैं। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस योग का समापन 10 जनवरी को दोपहर 02 बजकर 37 मिनट पर हो रहा है। वहीं, शुभ योग के बाद शुक्ल योग का संयोग बन रहा है। इन दोनों योग में पौष पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। शुक्ल योग का समापन 11 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त के समय 11 बजकर 49 मिनट पर होगा। इन दोनों योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से अमोघ फल की प्राप्ति होगी। साधक अपनी सुविधा के अनुसार, शुभ या शुक्ल योग में भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं।
पारण समय
साधक पौष पुत्रदा एकादशी का पारण 11 जनवरी को प्रातः काल 07 बजकर 15 मिनट से 08 बजकर 21 मिनट तक है। इस दौरान साधक पारण कर सकते हैं। पारण के समय अन्न का दान अवश्य करें। इस उपाय को करने से साधक पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट पर
चंद्रोदय- दोपहर 02 बजकर 06 मिनट पर
चंद्रास्त- सुबह 04 बजकर 47 मिनट पर (11 जनवरी)
शुभ समय (Shubh Timing)
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 13 मिनट से 02 बजकर 55 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 07 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक
निशिता मुहूर्त- रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक
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