Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Nirjala Ekadashi 2025 Date: निर्जला एकादशी की डेट को लेकर न हों कन्फ्यूज, एक क्लिक में देखें सही तारीख

    एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। ज्येष्ठ माह में निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2025) व्रत किया जाता है। साथ ही विशेष चीजों का दान किया जाता है। इससे साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि कब किया जाएगा निर्जला एकादशी व्रत?

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 04 May 2025 11:31 AM (IST)
    Hero Image
    निर्जला एकादशी का धार्मिक महत्व (Pic Credit- Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। एकादशी तिथि को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर निर्जला एकादशी व्रत किया जाता है। धार्मिक मत है कि निर्जला एकादशी व्रत को करने से साधक को सभी पापों से छुटकारा मिलता है। इस व्रत में अन्न और जल का त्याग किया जाता है। इसलिए इस व्रत को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार निर्जला एकादशी की डेट को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिति बन रही है। ऐसे में हर कोई निर्जला एकादशी की सही तारीख जानना चाहता है। ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे कि निर्जला एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: Nirjala Ekadashi 2025: क्यों निर्जला एकादशी को कहा जाता है भीमसेनी एकादशी? जानिए असल वजह

    निर्जला एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 06 जून को देर रात 02 बजकर 15 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 07 जून को सुबह 04 बजकर 47 मिनट पर होगा। ऐसे में 06 जून को निर्जला एकादशी मनाई जाएगी।

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 42 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से 03 बजकर 35 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 16 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात 12 बजे से 07 जून को रात 12 बजकर 40 मिनट तक

    निर्जला एकादशी पूजा विधि (Nirjala Ekadashi Puja Vidhi)

    • एकादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करें।
    • चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को विराजमान करें।
    • घी का दीपक जलाकर आरती करें।
    • श्रीहरि के मंत्रों का जप और विष्णु चालीसा का पाठ करें।
    • व्रत कथा का पाठ करें।
    • फल समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।

    भगवान विष्णु के मंत्र (Shri Vishnu Mantra)

    • ॐ अं वासुदेवाय नम:

  • ॐ आं संकर्षणाय नम:
  • ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
  • ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
  • ॐ नारायणाय नम:
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
  • ॐ विष्णवे नम:
  • ॐ हूं विष्णवे नम:
  • ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
  • श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
  • ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
  • यह भी पढ़ें: Nirjala Ekadashi 2025: किस दिन मनाई जाएगी निर्जला एकादशी? नोट करें व्रत का दिन और शुभ संयोग

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।