Nirjala Ekadashi 2025 Date: निर्जला एकादशी की डेट को लेकर न हों कन्फ्यूज, एक क्लिक में देखें सही तारीख
एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। ज्येष्ठ माह में निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2025) व्रत किया जाता है। साथ ही विशेष चीजों का दान किया जाता है। इससे साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि कब किया जाएगा निर्जला एकादशी व्रत?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। एकादशी तिथि को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर निर्जला एकादशी व्रत किया जाता है। धार्मिक मत है कि निर्जला एकादशी व्रत को करने से साधक को सभी पापों से छुटकारा मिलता है। इस व्रत में अन्न और जल का त्याग किया जाता है। इसलिए इस व्रत को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार निर्जला एकादशी की डेट को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिति बन रही है। ऐसे में हर कोई निर्जला एकादशी की सही तारीख जानना चाहता है। ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे कि निर्जला एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
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निर्जला एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 06 जून को देर रात 02 बजकर 15 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 07 जून को सुबह 04 बजकर 47 मिनट पर होगा। ऐसे में 06 जून को निर्जला एकादशी मनाई जाएगी।
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 42 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से 03 बजकर 35 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 16 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात 12 बजे से 07 जून को रात 12 बजकर 40 मिनट तक
निर्जला एकादशी पूजा विधि (Nirjala Ekadashi Puja Vidhi)
- एकादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करें।
- चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को विराजमान करें।
- घी का दीपक जलाकर आरती करें।
- श्रीहरि के मंत्रों का जप और विष्णु चालीसा का पाठ करें।
- व्रत कथा का पाठ करें।
- फल समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
भगवान विष्णु के मंत्र (Shri Vishnu Mantra)
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ॐ अं वासुदेवाय नम:
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