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    Mokshada Ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी पर इस तरह करें विष्णु जी की पूजा, धन-समृद्धि की नहीं होगी कमी

    एकादशी तिथि हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इसी तरह मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली मोक्षदा एकादशी का भी विशेष महत्व माना गया है। इस तिथि कई साधक भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए व्रत आदि भी करते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं मोक्षदा एकादशी की सरल पूजा विधि और भगवान विष्णु के मंत्र।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 03 Dec 2024 06:19 PM (IST)
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    Mokshada Ekadashi 2024 मोक्षदा एकादशी पर आसान विधि से करें विष्णु जी की पूजा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह में शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत किया जाता है। इस बार मार्गशीर्ष माह की मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2024) का व्रत बुधवार, 11 दिसंबर को किया जाएगा। इस तिथि पर आप विशेष पूजा-अर्चना द्वारा भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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    मोक्षदा एकादशी शुभ मुहूर्त (Mokshada Ekadashi Shubh Muhurat)

    मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 11 दिसंबर को देर रात 02 बजकर 12 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 11 दिसंबर को मध्य रात्रि 11 बजकर 39 मिनट पर होगा। ऐसे में मोक्षदा एकादशी का व्रत बुधवार, 11 दिसंबर को किया जाएगा।

    भगवान विष्णु की पूजा विधि (Mokshada Ekadashi Puja vidhi)

    • सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
    • स्नान आदि से निवृत होने के बाद पूजा स्थल की अच्छे से साफ-सफाई करें।
    • पूजा स्थल पर एक चौकी स्थापित करें और उसपर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
    • इसके बाद भगवान विष्णु की तस्वीर या फिर मूर्ति स्थापित करें।
    • विष्णु जी का गंगाजल से अभिषेक करें और देसी घी का दीपक जलाएं।
    • प्रभु श्रीहरि को फूल, माला, गोपी चंदन, मिठाई, तुलसी पत्र आदि अर्पित करें।
    • विष्णु जी को पंचामृत, मिठाई, खीर आदि का भोग लगाएं।
    • विष्णु जी के मंत्रों का जप करें और अंत में एकादशी की कथा का पाठ करें।
    • भगवान विष्णु की आरती करें और सभी लोगों में प्रसाद बांटे।

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    करें इन मंत्रों का जप (Mantra on Ekadashi)

    • ॐ श्री त्रिपुराय विद्महे तुलसी पत्राय धीमहि तन्नो: तुलसी प्रचोदयात
    • ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात्
    • ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्
    • ॐ अं वासुदेवाय नमः
    • ॐ आं संकर्षणाय नमः
    • ॐ अं प्रद्युम्नाय नमः
    • ॐ अ: अनिरुद्धाय नमः
    • ॐ नारायणाय नमः
    • ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम:

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।