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    Mohini Ekadashi Vrat 2025: मई में मोहिनी एकादशी कब है? नोट कर लीजिए तारीख और पढ़िए इसका महत्व

    Updated: Fri, 25 Apr 2025 05:47 PM (IST)

    Mohini Ekadashi Vrat 2025 धार्मिक की मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत करने से मनुष्य पापों से मुक्त हो जाता है। सुख-समृद्धि के साथ जीवन का आनंद उठाने के बाद अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है। इस साल मोहिनी एकादशी का व्रत 8 मई को गुरुवार के दिन रखा जाएगा।

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    समुद्र मंथन से जुड़ी है मोहिनी एकादशी के व्रत की कहानी। (Image credit- freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mohini Ekadashi Vrat 2025: हर माह में दो एकादशी होती हैं, जिस दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है। इस साल से साल में कुल 24 एकादशी व्रत पड़ते हैं। मई महीने में हजार गायों के दान के बराबर फल देने वाला मोहिनी एकादशी और 100 यज्ञों के बराबर फल देने वाली अपरा एकादशी व्रत रखा जाएगा।

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    कहते हैं कि एकादशी के दिन धरती की स्थिति ऐसी होती है, जब ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रवाह हो रहा होता है। इसलिए उस दिन जीवों को भूख कम महसूस होती है। इसीलिए एकादशी की तिथि को साधु-संत व्रत करते थे, ताकि वे भी उस ऊर्जा के साथ खुद को जोड़ सकें। व्रत करने से शरीर की शुद्धि भी हो जाती है।

    धार्मिक की मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत करने से मनुष्य पापों से मुक्त हो जाता है। सुख-समृद्धि के साथ जीवन का आनंद उठाने के बाद अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है। मोहिनी एकादशी व्रत कथा पढ़ने या सुनने से एक हजार गायों के दान के बराबर पुण्य मिलता है। 

    मोहिनी एकादशी 8 मई को पड़ेगी

    हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में मोहिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। एकादशी तिथि 7 मई को सुबह 10:19 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी 8 मई को दोपहर 12:29 मिनट पर तिथि खत्म होगी। इस साल मोहिनी एकादशी व्रत 8 मई 2025 को गुरुवार के दिन मनाई जाएगी।

    व्रत पारण का समय

    मोहिनी एकादशी व्रत का पारण 9 मई 2025 को किया जाएगा। व्रत पारण का मुहूर्त सुबह 5:34 मिनट से सुबह 8:16 मिनट तक रहेगा।

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    मोहिनी एकादशी का महत्व

    मोहिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा की जाती है। समुद्र मंथन के बाद निकले अमृत को जब असुरों ने छीन लिया था, तब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था। उसी घटना को याद करते हुए मोहिनी एकादशी का व्रत किया जाता है।

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    इसके अलावा इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है। यदि विष्णु भगवान की कृपा हो जाए, तो हरि प्रिया लक्ष्मी जी भी भक्तों पर कृपा करके उनके जीवन को धन-धान्य से भर देती हैं।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।