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    Mohini Ekadashi पर शिववास योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, मिलेगा दोगुना फल

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि अमृत वितरण हेतु भगवान विष्णु ने मोहिनी (Mohini Ekadashi 2025 Yoga) रूप धारण किया था। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अश्वमेघ यज्ञ समान फल मिलता है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 27 Apr 2025 10:30 PM (IST)
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    Mohini Ekadashi 2025: भगवान विष्णु को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन मोहिनी एकादशी मनाई जाती है। इस साल 08 मई को मोहिनी एकादशी मनाई जाएगी। इस दिन लीलाधारी भगवान मधुसूदन और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुखों का आगमन होता है। साथ ही सभी प्रकार के बिगड़े काम बन जाते हैं।

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    ज्योतिषियों की मानें तो मोहिनी एकादशी पर शिववास और भद्रावास योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक पर शिव-शक्ति की भी कृपा बरसेगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    मोहिनी एकादशी शुभ मुहूर्त (Mohini Ekadashi Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 07 मई को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी और 08 मई को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 08 मई को मोहिनी एकादशी मनाई जाएगी। वहीं, 09 मई को पारण किया जाएगा। साधक सुबह 05 बजकर 34 मिनट से लेकर 08 बजकर 16 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। पारण के दिन अन्न का दान अवश्य करें। ऐसा करने से साधक को व्रत का पूरा फल मिलता ह।

    हर्षण योग

    ज्योतिषियों की मानें तो मोहिनी एकादशी पर दुर्लभ हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। हर्षण योग का संयोग 09 मई के दिन होगा। इस योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से जीवन में व्याप्त हर परेशानी दूर होगी।

    भद्रावास योग

    वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भद्रावास योग का भी निर्माण हो रहा है। भद्रावास योग दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक है। इस समय में भद्रा पाताल में रहेंगी। भद्रा के पाताल में रहने के दौरान समस्त जगत का कल्याण  होता है।

    शिववास योग

    मोहिनी एकादशी पर दुर्लभ शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक है। इस दौरान भद्रा पाताल में रहेंगी। इन योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुखों का आगमन होगा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।