Mohini Ekadashi 2025: कब मनाई जाएगी मोहिनी एकादशी? एक क्लिक में नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
धार्मिक मत है कि भगवान विष्णु के शरण में रहने वाले साधकों को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही मृत्यु उपरांत उच्च लोक में स्थान मिलता है। साधक श्रद्धा भाव से एकादशी (Mohini Ekadashi 2025) के दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं। भगवान विष्णु की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। उनकी कृपा से साधक को आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में मोहिनी एकादशी का खास महत्व है। यह पर्व हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त एकादशी पर्व का व्रत रखा जाता है।
धार्मिक मत है कि एकादशी व्रत करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस व्रत की महिमा शास्त्रों में विस्तार पूर्वक दिया गया है। आइए, मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2025 Date) की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
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मोहिनी एकादशी शुभ मुहूर्त (Mohini Ekadashi Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 07 मई को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी और 08 मई को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। 08 मई को मोहिनी एकादशी मनाई जाएगी।
मोहिनी एकादशी पारण समय
मोहिनी एकादशी का पारण 09 मई को किया जाएगा। इस दिन पारण का समय सुबह 05 बजकर 34 मिनट से लेकर 08 बजकर 16 मिनट तक है। इस दौरान साधक स्नान-ध्यान कर भक्ति भाव से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें। इसके बाद अन्न का दान करें।
मोहिनी एकादशी शुभ योग (Mohini Ekadashi Shubh Yoga)
ज्योतिषियों की मानें तो मोहिनी एकादशी पर दुर्लभ हर्षण योग का संयोग है। साथ ही भद्रावास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन भद्रा दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक है। इस समय तक भद्रा पाताल लोक में रहेंगी। भद्रा के पाताल में रहने के दौरान लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलता है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी संकट दूर हो जाते हैं।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 35 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 01मिनट पर
- चन्द्रोदय- दोपहर 03 बजकर 22 मिनट पर
- चन्द्रास्त- देर रात 03 बजकर 30 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 10 मिनट से 04 बजकर 53 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 32 मिनट से 03 बजकर 26 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 59 मिनट से 07 बजकर 21 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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