Magha Month 2025: माघ माह में कब है षटतिला और जया एकादशी? अभी नोट करें डेट
सनातन धर्म में एकादशी व्रत को बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही दान किया जाता है। अब जल्द ही माघ माह (Magha Month 2025) की शुरुआत होने जा रही है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस माह में कौन-कौन सी एकादशी का व्रत किया जाएगा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, माघ माह (Magha month 2025) की शुरुआत 14 जनवरी से हो रही है। वहीं, इस माह का समापन अगले महीने यानी 12 फरवरी को होगा। इस दौरान कई महत्वपूर्ण व्रत और पर्व मनाए जाएंगे। इस माह में षटतिला एकादशी और जया एकादशी का व्रत भी किया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि सच्चे मन से एकादशी व्रत करने से जातक को पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि माघ माह में षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2025) और जया एकादशी की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।
षटतिला एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त (Shattila Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 24 जनवरी को शाम को 07 बजकर 25 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 25 जनवरी को रात 08 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में 25 जनवरी को षटतिला एकादशी का व्रत किया जाएगा।
षटतिला एकादशी 2025 व्रत पारण टाइम (Shattila Ekadashi 2025 Vrat Paran Time)
एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी में तिथि किया जाता है। षटतिला एकादशी व्रत का पारण का समय 26 जनवरी को सुबह 07 बजकर 12 मिनट से लेकर 09 बजकर 21 मिनट तक कर सकते हैं।
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जया एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त (Jaya Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 07 फरवरी को रात 09 बजकर 26 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 08 फरवरी को रात 08 बजकर 15 मिनट पर होगा। ऐसे में 08 फरवरी (Jaya Ekadashi Kab hai 2025) को जया एकादशी का पर्व मनाया जाएगा।
जया एकादशी 2025 व्रत पारण टाइम (Jaya Ekadashi 2025 Vrat Paran Time)
पंचांग के अनुसार, जया एकादशी व्रत का पारण करने का समय 09 फरवरी को सुबह 07 बजकर 04 मिनट से लेकर 09 बजकर 17 मिनट तक है।
इन बातों का रखें ध्यान
- एकादशी के दिन सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए।
- चावल का सेवन वर्जित है।
- भोग थाली में तुलसी के पत्ते शामिल करें।
- घर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
- गरीब लोगों या मंदिर में अन्न, धन और वस्त्र का दान करें।
- दिन में भजन-कीर्तन करना चाहिए।
- तुलसी के पत्ते भूलकर भी न तोड़ें। माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
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