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    Kamada Ekadashi 2025 Paran: कब और कैसे करें कामदा एकदाशी का पारण, यहां जानें समय और विधि

    पंचांग के अनुसार चैत्र माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर कामदा एकादशी का व्रत किया जाता है। यह तिथि भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्ति के लिए जरूरी मानी गई है। सही तरीके से पारण करने पर ही एकादशी व्रत पूर्ण माना जाता है जो एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 08 Apr 2025 10:46 AM (IST)
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    Kamada Ekadashi 2025 Paran Vidhi in hindi

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के मुताबिक, आज यानी 08 अप्रैल को कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi 2025) का व्रत किया जा रहा है। इस दिन पर मुख्य रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना और व्रत किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण करना भी बहुत ही जरूरी है। ऐसे में चलिए जानते हैं कामदा एकादशी व्रत के पारण का समय और इसकी विधि।

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    कामदा एकादशी पारण का समय (Ekadashi Parana time)

    एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के बाद किया जाता है। ऐसे में कामदा एकादशी का पारण बुधवार, 09 अप्रैल को किया जाएगा। द्वादशी तिथि पर पारण का समय कुछ इस प्राकर रहने वाला है -

    • द्वादशी समाप्त होने का समय - 09 अप्रैल रात 20 बजकर 55 मिनट पर
    • पारण का समय - सुबह 06 बजकर 25 मिनट से सुबह 08 बजकर 54 मिनट तक

    कैसे करें पारण (Ekadashi Vrat Parana vidhi)

    एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद एकादशी व्रत का पारण किया जाता है। इसके लिए पारण के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। इसके बाद विधिवत रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। इसके बाद अपने मुंह तुलसीदल रखकर एकादशी व्रत का पारण करें और इसके बाद सात्विक भोजन ग्रहण करें।

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    रखें इन बातों का ध्यान

    एकादशी व्रत का पारण करते समय कुछ चीजें ग्रहण करना वर्जित माना जाता है जैसे मूली, बैंगन, साग, मसूर दाल, लहसुन-प्याज आदि। इस बात का ध्यान रखें कि पारण में केवल सात्विक भोजन खाएं, तभी आपको एकादशी व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सकता है। इसी के साथ आप द्वादशी तिथि पर अपनी क्षमता के अनुसार, ब्राह्मणों को भोजन और दान करें। आप किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराकर भी अपने व्रत का पारण कर सकते हैं, जो काफी लाभकारी माना जाता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।