Kamada Ekadashi पर रवि योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी योग, बनेंगे सारे बिगड़े काम
ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Kamada Ekadashi 2025) तिथि पर तुलसी मां की पूजा करने से जीवन में सुखों का आगमन होता है। साथ ही सभी प्रकार के मानसिक एवं शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। एकादशी तिथि पर मंदिरों में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 08 अप्रैल को कामदा एकादशी है। यह पर्व पूर्णतया जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा क जाती है। साथ ही उनके निमित्त एकादशी की व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होता है।
ज्योतिषियों की मानें तो कामदा एकादशी के दिन रवि योग समेत कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुखों में वृद्धि होगी। आइए, कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi 2025 Date) की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग के बारे में जानते हैं-
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कामदा एकादशी शुभ मुहूर्त (Kamada Ekadashi Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, 07 अप्रैल को रात 08 बजे से चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 08 अप्रैल को रात 09 बजकर 12 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से उदया तिथि की गणना की जाती है। अत: 08 अप्रैल को कामदा एकादशी मनाई जाएगी।
कामदा एकादशी पारण समय (Kamada Ekadashi Paran Timing)
कामदा एकादशी का पारण साधक 08 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 34 मिनट के मध्य कर सकते हैं। इस दौरान साधक श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद व्रत का पारण कर सकते हैं।
रवि योग
ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर रवि का संयोग बन रहा है। रवि योग सुबह 06 बजकर 03 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 55 मिनट तक है। इस योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होगा। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
कामदा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 03 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 55 मिनट तक है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार के शुभ कामों में सिद्धि मिलेगी। साथ ही लक्ष्मी नारायण जी की कृपा भी बरसेगी।
नक्षत्र एवं करण
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर आश्लेषा और मघा नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही वणिज एवं बव करण का भी संयोग बन रहा है। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 03 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 43 मिनट पर
- चंद्रोदय- दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर
- चंद्रास्त- सुबह 04 बजकर 06 मिनट पर (09 अप्रैल)
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 18 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 42 मिनट से 07 बजकर 04 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त- रात 12 बजे से 12 बजकर 45 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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