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    Varuthini Ekadashi के दिन इन कामों से नाराज हो सकते हैं भगवान विष्णु, जानिए क्या करें और क्या न करें?

    एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना और व्रत करने का विधान है। हिंदू कैलंडर के अनुसार वैशाख पहला महीना होता है। इस माह की पहली एकादशी वरूथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2025) है। इस दिन व्रत के नियम का पालन करना चाहिए।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 13 Apr 2025 10:56 AM (IST)
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    Varuthini Ekadashi 2025: वरूथिनी एकादशी व्रत के नियम

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरूथिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस तिथि को जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख माह में वरूथिनी एकादशी व्रत 24 अप्रैल को किया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से साधक को जीवन में किसी भी चीज कमी नहीं होती है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

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    ऐसा माना जाता है कि वरूथिनी एकादशी के दिन कुछ गलतियों को करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित हो सकता है और भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं। इसलिए व्रत के दौरान नियम का पालन करना अधिक जरूरी है, तो ऐसे में चलिए आपको बताएंगे वरूथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2025 Vrat Niyam) के दिन क्या करें और क्या न करें?

    वरूथिनी एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Varuthini Ekadashi 2025 Date and Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 अप्रैल को शाम 04 बजकर 43 मिनट से शुरू होगी और 24 अप्रैल को दोपहर 02 बजकर 32 मिनट पर तिथि खत्म होगी। ऐसे में वरूथिनी एकादशी व्रत 24 अप्रैल को किया जाएगा।

    यह भी पढ़ें: Varuthini Ekadashi 2025 Date: कब है वरूथिनी एकादशी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    वरूथिनी एकादशी के दिन क्या करें (What to do on the day of Varuthini Ekadashi)

    • वरूथिनी एकादशी (Varuthini ekadashi ke din kya karna chahie) के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।
    • सच्चे मन से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
    • पीले फल, मिठाई और तुलसी के पत्ते का भोग लगाएं।
    • अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान करना चाहिए।
    • द्वादशी तिथि में व्रत का पारण करना चाहिए।

    वरूथिनी एकादशी के दिन क्या न करें (What not to do on the day of Varuthini Ekadashi)

    • वरूथिनी एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
    • इसके अलावा तामसिक चीजों के सेवन से दूर रहें।
    • घर और परिवार में किसी बात को लेकर कोई वाद-विवाद न करें।
    • घर और मंदिर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां लक्ष्मी का वास साफ-सफाई वाली जगह पर होता है।
    • इसके अलावा इस तिथि पर तुलसी के पत्ते न तोड़ें, क्योंकि मां लक्ष्मी एकादशी व्रत करती हैं, तो ऐसे में तुलसी के पत्ते तोड़ने से मां लक्ष्मी का व्रत टूट सकता है।

    यह भी पढ़ें: Vaishakh Ekadashi 2025: वैशाख माह में कब है वरूथिनी और मोहिनी एकादशी? ये है पूजा का शुभ मुहूर्त

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।