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    Mokshada Ekadashi 2024: गीता जयंती के दिन क्यों मनाई जाती है मोक्षदा एकादशी? क्या है इसकी वजह

    सनातन धर्म में एकादशी तिथि को जगत के पालनहार भगवान विष्णु को प्रसन्न करने लिए शुभ माना जाता है। साथ ही इस व्रत करने से पापों से छुटकारा मिलता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में मोक्षदा एकदशी व्रत (Mokshada Ekadashi 2024) किया जाता है। इस दिन श्रीहरि और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 01 Dec 2024 05:02 PM (IST)
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    Lord Vishnu: मोक्षदा एकदशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत किया जाता है। इस तिथि पर जगत के पलाहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना की जाती है। साथ ही श्रीहरि की कृपा प्राप्ति के लिए दान भी किया जाता है। मार्गशीर्ष माह में मोक्षदा एकदशी व्रत (Mokshada Ekadashi 2024 Vrat) किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस एकादशी को मौना एकादशी और मौन अग्यारस के नाम से भी जाना जाता है। क्या आप जानते हैं कि गीता जयंती के दिन मोक्षदा एकादशी व्रत क्यों किया जाता है? अगर नहीं पता, तो ऐसे में चलिए जानते हैं कि मोक्षदा एकादशी व्रत करने की वजह के बारे में।

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    ये है वजह

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2024 Katha) का व्रत करने से जातक को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन उपासना करने से जातक के पापों का नाश होता है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

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    पौराणिक कथा के अनुसार, द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने मोक्षदा एकादशी के दिन अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। गीता एक महान ग्रंथ है, जिसकी वजह से इस दिन गीता जयंती मनाई जाती है। इस व्रत का महत्व वैखानस नाम के एक राजा ने महात्मा को बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से पापों से मुक्ति मिलती है और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। इसी वजह से हर साल मार्गशीर्ष माह में मोक्षदा एकदशी व्रत करने का विधान है।

    मोक्षदा एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Mokshada Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी तिथि की शुरुआत 11 दिसंबर को देर रात 03 बजकर 42 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 12 दिसंबर को देर रात्रि 01 बजकर 09 मिनट पर होगा। इस प्रकार मोक्षदा एकादशी व्रत 11 दिसंबर (Kab Hai Mokshada Ekadashi 2024) को किया जाएगा।

    मोक्षदा एकादशी 2024 व्रत का पारण समय (Mokshada Ekadashi 2024 Vrat Paran Time)

    व्रत का पारण करने का समय 12 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 05 मिनट से लेकर 09 बजकर 09 मिनट तक है। व्रत का पारण करने के बाद अन्न और धन का दान करना चाहिए।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।