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    Dev Uthani Ekadashi 2025 Date: कब मनाई जाएगी देवउठनी एकादशी? अभी नोट करें तिथि और पूजा समय

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 10:42 AM (IST)

    सनातन धर्म में एकादशी तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2025) व्रत चातुर्मास के समापन के दिन किया जाता है। चातुर्मास के दौरान शुभ और मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि कब मनाई जाएगी देवउठनी एकादशी।

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    चातुर्मास में क्या करें और क्या न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत किया जाता है। इस तिथि को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में देवउठनी एकादशी ( Dev Uthani Ekadashi 2025) मनाई जाती है।

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    इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और शुभ-मांगलिक काम शुरू होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवउठनी एकादशी व्रत को विधिपूर्वक व्रत करने से सभी तरह के पापों से छुटकारा मिलता है और जीवन में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है।

    देवउठनी एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Dev Uthani Ekadashi 2025 Date and Shubh Muhurat)

    इस बार देवउठनी एकादशी व्रत 01 नवंबर को किया जाएगा। इसी दिन चातुर्मास का समापन होगा।

    कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तिथि की शुरुआत- 01 नवंबर को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर

    कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तिथि का समापन- 02 नवंबर को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 50 मिनट से 05 बजकर 41 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

    चातुर्मास में क्या करें (What to do during Chaturmas)

    • चातुर्मास में सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।
    • रोजाना शुभ मुहूर्त में देसी घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें।
    • भोग में तुलसी के पत्ते शामिल करें।
    • अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान करें।
    • सात्विक भोजन का सेवन न करें।
    • इसके अलावा रामायण, भगवद गीता आदि धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना शुभ माना जाता है।

    चातुर्मास में क्या न करें (What not to do during Chaturmas)

    चातुर्मास की अवधि को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसकी अवधि 4 महीने की होती है। इस दौरान विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश कामों को करना वर्जित है। ऐसा माना जाता है कि चातुर्मास में शुभ काम को करने से पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है।

    चातुर्मास में करें इन चीजों का दान

    चातुर्मास में दान करने का विशेष महत्व है। ऐसे में श्रद्धा अनुसार मंदिर या गरीब लोगों में कपड़े, अनाज और धन समेत आदि चीजों का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चातुर्मास में इन चीजों का दान करने से व्यक्ति को जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।