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    Indira Ekadashi 2025: कब और क्यों मनाई जाती है इंदिरा एकादशी? यहां जानें धार्मिक महत्व

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 10:05 PM (IST)

    ज्योतिषियों का मत है कि आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि (Indira Ekadashi 2025 ) पर कई शुभ और मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में पूजा करने से साधक पर लक्ष्मी नारायण जी की कृपा बरसेगी। साथ ही पितरों को भी नवजीवन प्राप्त होगा। भगवान विष्णु के शरण और चरण में रहने वाले साधकों को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

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    Indira Ekadashi 2025: इंदिरा एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में पुनर्जन्म का विधान है। व्यक्ति को जीवन में किए गए कर्मों के अनुसार नया जीवन मिलता है। अच्छे कर्म करने वालों को उच्च लोक में स्थान मिलता है। वहीं, बुरे कर्म करने वालों को न केवल नारकीय जीवन से गुजरना पड़ता है, बल्कि मृत्यु के बाद भी यम यातना से गुजरना पड़ता है। इसके अलावा, नरक लोक में स्थान मिलता है।

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    गरुड़ पुराण में निहित है कि बुरे कर्म करने वालों के कुल में कपूत पैदा होते हैं, जो अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर्म और पिंडदान नहीं करते हैं। साथ ही पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण भी नहीं करते हैं। ऐसे लोगों के पूर्वजों को प्रेतयोनि में लंबे समय तक भटकना पड़ता है। पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने हेतु उनका श्राद्ध और पिंडदान अनिवार्य है।

    इसके साथ ही पितृ पक्ष के दौरान तिथि अनुसार पूर्वजों का तर्पण करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ तृप्त होते हैं। उनकी आत्मा को उच्च गति प्राप्त होती है। इंदिरा एकादशी के दिन पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से तीन पीढ़ी के पूर्वजों का उद्धार होता है। वहीं, व्यक्ति विशेष पर नारायण की कृपा बरसती है। लेकिन क्या आपको पता है कि इंदिरा एकादशी कब मनाई जाती है? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

    पितृ पक्ष कब तक चलता है?

    भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर आश्विन अमावस्या तक पितृ पक्ष रहता है। इस दौरान रोजाना पितरों का तर्पण किया जाता है। गरुड़ पुराण में पितरों के तर्पण और पिंडदान की पूरी विधि बताई गई है। व्यक्ति तिथि अनुसार पितरों का तर्पण करते हैं। इसके लिए आप कुल पंडित की भी सलाह ले सकते हैं। इस साल 07 सितंबर से लेकर 21 सितंबर तक पितृ पक्ष है।

    कब है सर्व पितृ अमावस्या?

    हर साल आश्विन अमावस्या के दिन सर्व पितृ का तर्पण किया जाता है। इस दिन ही पितृ अपने लोक लौट जाते हैं। 21 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या है। इस दिन सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है। इसके अगले दिन से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी।

    कब मनाई जाती है इंदिरा एकादशी?

    हर साल आश्विन माह में पितृ पक्ष के दौरान इंदिरा एकादशी मनाई जाती  है। यह पर्व आश्विन माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है। एकादशी तिथि पर पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

    किस दिन है इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 17 सितंबर को इंदिरा एकादशी मनाई जाएगी। ज्योतिषयों की मानें तो 17 सितंबर (अंग्रेजी कैलेंडर अनुसार यानी 16 सितंबर की रात) को देर रात 12 बजकर 21 मिनट पर आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी। वहीं, 17 सितंबर को देर रात 11 बजकर 39 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त हो जाएगी।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।