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    Ekadashi January 2025: जनवरी माह में कब-कब है एकादशी, अभी नोट कर लें शुभ मुहूर्त

    Updated: Wed, 04 Dec 2024 02:15 PM (IST)

    हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। भगवान विष्णु का प्रिय व्रत यानी एकादशी हर माह में दो बार आती है। एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में। कई साधक इस पावन तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत भी करते हैं। तो चलिए जानते हैं कि आने वाले साल की शुरुआत में कौन-सी दो एकादशी का व्रत किया जाएगा।

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    Ekadashi January 2025: जनवरी माह में कब-कब है एकादशी।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जल्द ही नए वर्ष की शुरुआत होने जा रही है। पंचांग के अनुसार, जनवरी माह में दो महत्वपूर्ण एकादशी  (Ekadashi January 2025) पड़ने वाली हैं। तो चलिए जानते हैं कि जनवरी में कौन-कौन सी एकादशी पड़ रही हैं, और उनका शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है।

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    मनाई जाएगी ये 2 एकादशी (Ekadashi 2025 Date List)

    पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi 2025)

    पौष पुत्रदा एकादशी को वैकुण्ठ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 09 जनवरी को सुबह 10 बजकर 52 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 10 जनवरी को सुबह 08 बजकर 49 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी शुक्रवार, 10 जनवरी को मनाई जाएगी।

    षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2025)

    जनवरी माह में षटतिला एकादशी भी मनाई जाएगी। माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 24 जनवरी शाम 05 बजकर 55 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 25 जनवरी को शाम 07 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, षटतिला एकादशी शनिवार, 25 जनवरी को मनाई जाएगी।

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    एकादशी तिथि का महत्व

    शास्त्रों में एकादशी तिथि के बारे में कहा गया है कि एकादशी व्रत करने से साधक के हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। एकादशी तिथि का महत्व इस बात से ही पता लगाया जा सकता है कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को इस तिथि का महत्व बताते हुए कहा था कि मैं (भगवान श्रीकृष्ण) तिथियों में एकादशी हूं।

    पुत्रदा एकादशी के बारे में कहा गया है कि इस व्रत को करने से साधक को इस लोक में पुत्र पाकर मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है। वहीं षटतिला एकादशी को लेकर कहा गया है कि इसका व्रत करने से साधक के सभी पाप नष्ट होते हैं और उसे आरोग्य की प्राप्ति होती है।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।