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    Devshayani Ekadashi पर तुलसी से जुड़ी ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, प्रभु की कृपा से रह जाएंगे वंचित

    तुलसी में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। वहीं तुलसी प्रभु श्री हरि भी प्रिय है। ऐसे में एकादशी के दिन तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन पर तुलसी से जुड़े कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखें ताकि आपको मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी कृपा की प्राप्ति हो सके।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 02 Jul 2025 01:32 PM (IST)
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    Devshayani Ekadashi पर तुलसी से जुड़े नियमों का जरूर रखें ध्यान

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देवशयनी एकादशी साल की सबसे महत्वपूर्ण एकादशी में से एक है। यह एकादशी हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है, जो इस बार 6 जुलाई को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने के लिए शयनकाल में चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी पर पुनः निद्रा से जागते हैं। इस चार महीनों में कोई भी मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता।

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    न करें ये काम

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी पर माता तुलसी, भगवान विष्णु के निमित्त निर्जला व्रत करती हैं। इसलिए एकादशी तिथि पर तुलसी में जल अर्पित करने की मनाही है। साथ ही इस तिथि पर तुलसी के पत्ते तोड़ने या तुलसी को स्पर्श करने से भी बचना चाहिए। इन सभी कार्यों से माता तुलसी का व्रत खंडित हो सकता है।

    नाराज हो सकती हैं मां लक्ष्मी

    एकादशी पर तुलसी के आस-पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी केवल उसी स्थान पर निवास करती हैं, जहां  साफ-सफाई का ध्यान रखा जाए। इसके साथ ही तुलसी के आस-पास जूते-चप्पल या फिर कूड़ेदान आदि रखने से भी बचना चाहिए। वरना आपको मां लक्ष्मी की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। 

    बढ़ सकती है नेगेटिव एनर्जी

    तुलसी को कभी भी गंदे या फिर जूठे हाथों से न छूएं। एकादशी तिथि पर भी स्नान करने के बाद ही तुलसी को स्पर्श किए बिना उसका पूजन करना चाहिए। साथ ही इस दिन काले रंग के कपड़े पहनने से भी बचें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो इससे आपको नकारात्मकता का सामना करना पड़ सकता है।

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    मिलेगी भगवान विष्णु की कृपा

    एकादशी के दिन भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल जरूर शामिल करें, क्योंकि इसके बिना विष्णु जी का भोग अधूरा माना जाता है। आप एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख सकते हैं। इसके बाद शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं और तुलसी जी के मंत्रों का जप करें। ऐसा करने से प्रभु श्रीहरि की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है।

    तुलसी जी के मंत्र -

    1. ॐ सुभद्राय नम:

    2. महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

    3. तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

    4. धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

    लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

    तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।