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    Aja Ekadashi 2025 Date: अगस्त महीने में कब है अजा एकादशी? यहां नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 06 Aug 2025 09:00 PM (IST)

    जगत के पालनहार भगवान विष्णु को भाद्रपद का महीना प्रिय है। भाद्रपद महीने में भगवान कृष्ण और गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए अष्टमी और एकादशी तिथि पर व्रत रखा जाता है। इस महीने में अजा एकादशी (Aja Ekadashi 2025 Date) और परिवर्तनी एकादशी मनाई जाएगी।

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    Aja Ekadashi 2025 Date: अजा एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाद्रपद महीने का सनातन धर्म में खास महत्व है। यह महीना जगत के पालनहार भगवान कृष्ण को समर्पित होता है। इस महीने में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इसके साथ ही शुक्ल पक्ष में गणेश चतुर्थी और राधा अष्टमी मनाई जाती है। कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

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    भाद्रपद महीने में अजा और परिवर्तिनी एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर लक्ष्मी नारायण जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक पर लक्ष्मी नारायण जी की कृपा बरसती है। आइए, अजा एकादशी की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    कब मनाई जाती है अजा एकादशी?

    हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन अजा एकादशी मनाई जाती है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा एवं भक्ति की जाती है। सनातन शास्त्रों में एकादशी व्रत की महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। मनचाही मुराद पाने के लिए अजा एकादशी का व्रत भी रखा जाता है।

    कब है अजा एकादशी? (Aja Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 18 अगस्त को होगी। 19 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी। इस प्रकार 19 अगस्त को अजा एकादशी मनाई जाएगी।

    अजा एकादशी पारण समय

    अजा एकादशी का पारण 20 अगस्त को किया जाएगा। साधक 20 अगस्त को सुबह 05 बजकर 53 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 29 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। इस दौरान भक्ति भाव से पूजा कर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। इसके बाद अन्न और धन का दान कर व्रत खोलें।

    अजा एकादशी शुभ योग (Aja Ekadashi 2025 Shubh Yoga)

    भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर सिद्धि और शिववास योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा करने पर साधक को जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।