तैयारी हो गई?
शादी की तैयारी बड़ी जि़म्मेदारी का काम है। हमेशा यही लगता है कि कहीं कुछ छूट न जाए। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सखी दे रही है एक ऐसी चेकलिस्ट जो आपके लिए बहुत मददगार साबित होगा।
परेशानियों से बचने के लिए कम से कम छह महीने पहले से ही शादी की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। योजनाबद्ध ढंग से की गई तैयारी का सबसे बडा फायदा यह है कि शादी वाले दिन आप पूरी तरह तनावमुक्त रहेंगी और सभी रस्मों का पूरा लुत्फ उठाएंगी। अगर आपके घर में भी शादी होने वाली है तो आज से ही अपनी तैयारी का जायजा लेना शुरू कर दें :
छह महीने पहले
-शादी के अलावा उससे पहले होने वाली रस्मों तिलक, हल्दी, मेहंदी और संगीत की भी तारीख्ा तय कर लें।
-सबसे पहले बजट तैयार करें। बेहतर यही होगा कि बजट की अलग फाइल बना ली जाए , इससे आपको मालूम हो जाएगा कि अब तक कितना ख्ार्च हो चुका है।
-मेहमानों की सूची बनाएं। रिश्तेदारों, मित्रों और परिचितों को कार्ड भेजने से पहले फोन द्वारा विवाह तय हो जाने की सूचना दें।
-विवाह-स्थल का चयन करें और उसकी एडवांस बुकिंग करा लें। ध्यान रखें कि चाहे बैंक्वेट हॉल हो या फाइव स्टार होटल उसे छह महीने पहले बुक कराना जरूरी होता है। अगर आपके पास अपना फार्म हाउस या बडा लॉन है तो उसमें भी शादी से पहले वाली रस्में पूरी की जा सकती हैं।
-अगर लडके की शादी है तो रिसेप्शन के लिए बैंक्वेट हॉल या होटल की बुकिंग करा लें।
-रस्में पूरी कराने के लिए पंडित जी से भी बात कर लें।
पांच महीने पहले
-टेंट हाउस और डेकोरेटर के बारे में सुनिश्चित कर लें कि विवाह स्थल की सजावट कैसी होगी।
-शादी के पहले घर आने वाले मेहमानों के खाने की व्यवस्था कर लें। इसके अलावा मेहंदी, हल्दी और संगीत के दिन सर्व किए जाने वाले व्यंजनों को चखने के बाद उसमें आवश्यक संशोधन करवाने के बाद ही मेन्यू तय करें।
-फ्लोरिस्ट से बात करके उसे विवाह-स्थल दिखाएं, ताकि वह सजावट की प्लानिंग कर सके।
-फोटोग्राफर और विडियोग्राफर का चयन करके उन्हें अपनी जरूरतें बताएं।
-बैंड और डीजे की बुकिंग भी करा दें।
-दूल्हे और दुलहन के पोशाकों की सूची बनाएं।
-शादी की शॉपिंग शुरू कर दें।
चार महीने पहले
-निमंत्रण पत्रों के डिजाइन चुनकर छपवाने के लिए दें।
-दुलहन या दूल्हे के आउटफिट्स से संबंधित शॉपिंग करके उन्हें सिलने के लिए भिजवा दें।
-दुलहन के लिए ज्यूलरी, कॉस्मेटिक्स, फुटवेयर और एक्सेसरीज की शॉपिंग कर लें।
-वर या वधू के माता-पिता को जो उपहार देने हैं, उन्हें ख्ारीद लें।
-घर की मरम्मत के साथ रंग-रोगन करवा लें।
तीन महीने पहले
-निमंत्रण पत्रों पर नाम लिखना शुरू कर दें।
-विवाह से पहले होने वाले कार्यक्रमों की सूची बनाकर रिश्तेदारों और करीबी दोस्तों को भेज दें। औपचारिक निमंत्रण पत्र बाद में भेजे जा सकते हैं।
-दूसरे शहर से आने वाले मेहमानों के लिए होटल में रहने की व्यवस्था करें।
-लडके वालों से भी पूछ लें कि कितने बारातियों के ठहरने की व्यवस्था करनी है।
-दूर रहने वाले रिश्तेदारों को डाक या कुरियर से शादी का निमंत्रण पत्र भेजना शुरू कर दें।
-हर महीने ग्रॉसरी स्टोर से जो भी जरूरी सामान मंगाती हैं, घर पर ठहरने वाले मेहमानों की जरूरत को देखते हुए उसकी मात्रा बढा दें।
-वर-वधू के हनीमून डेस्टिनेशन के लिए टिकट और होटल की बुकिंग करवा लें।
दो महीने पहले
-निमंत्रण पत्र भेजना शुरू करें। अपनी रीति के अनुसार मिठाई या उपहार के साथ स्वयं जाकर रिश्तेदारों और मित्रों को कार्ड बांटना शुरू करें।
-सभी प्रमुख रस्मों के लिए पानी, जेनरेटर, सुरक्षा और प्रकाश व्यवस्था जैसी तमाम सुविधाओं का प्रबंध कर लें।
-दूसरे शहर में रहने वाले मित्रों और रिश्तेदारों से बात करके जान लें कि वे कब पहुंचेंगे।
-रिसेप्शन का एजेंडा तैयार करें।
-विवाह पूर्व होने वाली सभी रस्मों के बारे में यह तय कर लें कि कौन सी रस्म में किस रिश्तेदार की क्या भूमिका होगी। -अगर कॉकटेल पार्टी या संगीत वाले दिन कोई थीम रखना चाहती हैं तो उसकी तैयारी पहले से ही कर लें।
-दुलहन के लिए ब्यूटी पार्लर और हेयर स्टाइलिस्ट की अप्वाइंटमेंट बुक कर दें।
-पंडित, कैटरर, डेकोरेटर, फोटोग्राफर, विडियोग्राफर आदि से एक बार फिर बुकिंग सुनिश्चित कर लें।
-नवदंपती के लिए हनीमून डेस्टिनेशन, होटल और टिकटों के बारे में एक बार फिर से जांच कर लें।
-मेहंदी वाली की बुकिंग कर लें।
-विवाह से जुडी अनिवार्य सामग्री के लिए पंडित जी से लिस्ट बनवा लें और पहले से ख्ारीदने योग्य चीजों की ख्ारीदारी कर लें।
-दुलहन या दूल्हे के वेडिंग आउटफिट्स की ट्रायल लें और कोई गडबडी होने पर उसे ठीक करवा लें।
-दुलहन के लिए अन्य जरूरी सामान भी ख्ारीदती रहें।
एक महीने पहले
-अपनी सारी शॉपिंग की लिस्ट और रसीदें एक फाइल में संभाल कर रखें।
-दुलहन जिस कार में विदा होगी या दूल्हा जिस गाडी में बैठकर बारात के साथ जाएगा, उसकी सजावट की व्यवस्था कर लें।
-टेंट हाउस वाले से बैठने की व्यवस्था के बारे में फाइनल बातचीत कर लें
-पूरे विवाह समारोह के दौरान अन्य जरूरी कार्यों के लिए टैक्सी या गाडिय़ों की व्यवस्था कर लें।
-टेंट हाउस से बिस्तरों और तकियों का प्रबंध करवा लें।
-अगर जरूरत हो तो अतिरिक्त कुर्सी-मेज और मेजपोशों आदि की व्यवस्था करें।
-क्रॉकरी और अन्य बर्तन किराये पर मंगा लें।
-घर की सफाई और अन्य कार्यों के लिए अतिरिक्त हेल्पर की व्यवस्था करें।
-पर्याप्त कुकिंग गैस सिलेंडर का बंदोबस्त कर लें।
-क्या आपने आने वाले सभी मेहमानों के लिए उपहार ख्ारीद लिए हैं? अगर नहीं तो तुरंत ख्ारीदें।
-मेहमानों की सूची दोबारा चेक करें अगर कोई छूट गया हो तो उसे ई-मेल द्वारा निमंत्रण भेजें।
-विवाह पूर्व होने वाली रस्मों के लिए सारी जरूरतों को सुनिश्चित कर लें।
-फोटोग्राफर एवं विडियोग्राफर को महत्वपूर्ण रस्मों की लिस्ट सौंपें, ताकि उसे काम करने में असुविधा न हो।
-नवदंपती जिस जगह हनीमून मनाने जा रहे हैं वहां के होटल और आरक्षण को दुबारा सुनिश्चित कर लें।
-नवदंपती के सामान को पैक करवाने की व्यवस्था करें।
-परिवार के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श करके सभी लोगों को समारोह से संबंधित जिम्मेदारियां सौंप दें।
-परिवार के किसी सदस्य को बाहर से आने वाले मेहमानों को स्टेशन से लाने की जिम्मेदारी सौंपें।
-दो लोगों को विवाह में प्राप्त होने वाले उपहार आदि को संभालने का उत्तरदायित्व सौंपे।
-किसी करीबी व्यक्ति को दुलहन की कीमती चीजें संभालने की जिम्मेदारी सौंपें।
-विवाह और अन्य समारोहों के लिए मिठाइयों और ड्राई फ्रूट्स का ऑर्डर दे दें।
-अंतिम बार फिर से इन चीजों की जांच करें- पंडित, विवाह स्थल, कैटरर, डेकोरेटर, शामियाना, संगीत, मेहंदी वाली, फ्लोरिस्ट, फोटोग्राफर, रहने की जगह और घर आने वाले मेहमानों और बारातियों के आने-जाने की व्यवस्था।
(संस्कृति वेडिंग प्लानर की कंसल्टेंट स्वाति चिडिमार से बातचीत पर आधारित)
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