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    Rajasthan: 45 परिवारों ने की हिंदू धर्म में वापसी, तीन दशक बाद धर्म परिवर्तन की सच्चाई का खुलासा

    राजस्थान से एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य में 40 परिवारों ने हिंदू धर्म में वापसी की है। तीस साल पहले इन परिवारों ने पैसों की लालच में आकर ईसाई धर्म को अपनाया था। अब इन परिवारों ने अपना धर्म परिवर्तन कर वापस से हिंदू धर्म में वापसी की है। पूरा मामला बांसवाड़ा जिले के गांगड़तलाई तहसील के झांबुडी ग्राम पंचायत के सोढला दूदा गांव का है।

    By Jagran News Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Sun, 09 Mar 2025 10:23 PM (IST)
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    राजस्थान में 45 परिवारों ने की हिंदू धर्म में वापसी। (फोटो- जेएनएन)

    जेएनएन, उदयपुर। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के गांगड़तलाई तहसील के झांबुडी ग्राम पंचायत के सोढला दूदा गांव में एक अनोखा घटनाक्रम सामने आया है। 30 साल पहले करीब 40-45 हिंदू परिवारों ने पैसों के लालच और इलाज के लिए ईसाई धर्म को अपनाया था।

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    दरअसल, इन परिवारों में एक गौतम गरासिया भी शामिल थे, जिन्होंने ईसाई धर्म अपनाया था। अब, गौतम और उनके परिवार समेत लगभग 45 परिवारों ने अपने धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म में वापसी कर ली है।

    45 परिवारों ने की हिंदू धर्म में वापसी

    रविवार को चर्च के स्थान पर बने मंदिर में विधि विधान से भैरव जी की प्रतिमा स्थापित की गई। इस धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत शोभायात्रा से हुई, जिसमें बड़ी संख्या में हिन्दू धर्मावलंबी और गौतम गरासिया जैसे पूर्व ईसाई पादरी ने भाग लिया।

    मंदिर में भैरव जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा वैदिक विधि से की गई, साथ ही हवन और आरती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय रामस्वरूप महाराज ने कहा कि क्षेत्र में लंबे समय से जन जागरण का कार्य चल रहा था और त्रिशूल दीक्षा के कार्यक्रम के बाद इन परिवारों ने हिन्दू धर्म में वापसी का निर्णय लिया।

    पैसों के लालच में बदल लिया था धर्म

    • गौतम गरासिया ने बताया कि उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए पैसों का लालच दिया गया था और गुजरात से ईसाई परिवार उनके गांव में चर्च बनाने के लिए आए थे। गौतम ने अपने गांव की जमीन जहां पहले चर्च बनाया, वहां अब मंदिर बनाकर रविवार को भैरव जी की मूर्ति स्थापित की। इस मंदिर के पुजारी का काम भी गौतम ही देखेंगे। गांव में इस घटना के बाद खुशी का माहौल है।
    • शनिवार को गौतम और गांव के लोगों ने चर्च का रंग भगवा करते हुए उसकी दीवारों पर 'जय श्री राम' लिखा। मंदिर के ऊपर भगवान श्रीराम की ध्वजा लहराया। गौतम ने बताया कि अब गांव के लोग जागरूक हो गए हैं और समझ रहे हैं कि धर्मांतरण के पीछे पैसों का लालच था। उन्होंने कहा कि ईसाई समाज के पास्टर ने उन्हें फोन किया और उन्हें धमकी दी, लेकिन गौतम ने इस दबाव को नहीं माना।
    • बांसवाड़ा के पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन का कहना है कि गौतम ने करीब डेढ़ साल पहले अपनी निजी जमीन पर चर्च का निर्माण किया था। आज निजी जमीन पर संरचना को मंदिर बना दिया और गांव के 45 परिवारों के साथ फिर से हिंदू धर्म अपना लिया है।

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