राजस्थान: इंदिरा गांधी नहर दो महीने के लिए होगी बंद, इन 6 जिलों में रहेगा जल संकट
राजस्थान के इंदिरा गांधी नहर में 60 दिनों तक क्लोजर रहेगा जिस वजह से कई जिलों में जल संकट गहरा सकता है। नहर की रखरखाव को लेकर क्लोजन रहेगा। इस दौरान पहले 30 दिनों तक सिर्फ पेयजल के लिए 2 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। राजस्थान के जोधपुर जैसलमेर बाड़मेर बीकानेर हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में पानी की किल्लत हो सकती है।

जेएनएन, जोधपुर। पश्चिमी राजस्थान की जीवनरेखा मानी जाने वाली इंदिरा गांधी नहर में आगामी 7 दिनों के लिए नहरबंदी की जा रही है, जिस कारण से पश्चिमी राजस्थान से जुड़े 6 से 7 जिले जल समस्या से प्रभावित होने की संभावना है।
आईजीसीपी की नहरबंदी बुधवार 26 मार्च से शुरू हो रही है, जो 27 मई तक रहेगी। नगरबंदी की वजह से नहरी किसानों को इस बार सिंचाई का पानी नहीं मिलेगा । पहले 30 दिनों तक केवल पेयजल के लिए 2 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा, जबकि 27 अप्रैल से 27 मई तक नहर में पूरी तरह से पानी की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी ।
कौन-कौन से जिले होंगे प्रभावित?
इंदिरा गांधी नहर परियोजना से जैसलमेर , बाड़मेर , जोधपुर , बीकानेर , हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों में पेयजल और सिंचाई की आपूर्ति होती है। नहरबंदी के चलते इन जिलों में जल संकट गहराने की संभावना है।
जल संसाधन विभाग और जलदाय विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए जल भंडारण की तैयारियां शुरू कर दी। पेयजल संकट को कम करने के लिए जलदाय विभाग पहले से ही पानी का भंडारण कर रहा है, लेकिन गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत आम बात होती है, किंतु 60 दिनों की नहरबंदी से यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
क्यों होती है नहरबंदी?
माना जा रहा है इस नहरबंदी से सबसे ज्यादा किसानों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को परेशानी होगी जिसका असर ग्रामीण जनजीवन पशुपालन और खेती पर भी होगा।
दरअसल पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर तक पानी पंजाब से इंदिरा गांधी नहर के जरिये पानी पहुंचता है, जिसकी रखरखाव के लिए वर्ष 2018 से समय-समय पर नहरबंदी का काम किया जाता है।
इस बार पंजाब से 60 दिनों के लिए क्लोजर लगेगा जो की 26 मार्च से 27 में तक होगा।26 अप्रैल तक केवल पेयजल के लिए 2 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा । 27 अप्रैल से 27 मई तक नहर पूरी तरह से बंद रहेगी।
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