Crime News: उदयपुर के IVF सेंटर से महिला चुराती निसंतान कपल्स के Contact, दिल्ली में बच्चों की करती थी बिक्री
उदयपुर के आदिवासी क्षेत्र से बच्चे खरीदकर दिल्ली में बेचने का मामला सामने आया है। जिसमें आरोपी महिला आईवीएफ सेंटर से निसंतान दंपती के नाम और पते लेती और बाद में दलाल के जरिए उसने संपर्क कर बच्चों की सौदेबाजी करती थी। (जागरण फोटो)

उदयपुर, जागरण संवाददाता। जिले के आदिवासी क्षेत्र से बच्चे खरीदकर दिल्ली में बेचने के मामला सामने आया है। जिसमें यह खुलासा हुआ है कि आरोपित महिला आईवीएफ सेंटर से निसंतान दंपती के नाम और पते लेती और बाद में दलाल के जरिए उसने संपर्क कर बच्चों की सौदेबाजी करती थी। इससे पहले भी वह तीन अन्य बच्चों का सौदा दलाल के माध्यम से कर चुकी है। जबकि उसके मोबाइल में कई बच्चों के फोटो मिली हैं। रिमांड पर लेकर पुलिस की आरोपित राजकुमारी से पूछताछ जारी है।
70 हजार रुपये में किया बच्चे का सौदा
उदयपुर की सवीना थाना पुलिस ने शनिवार को जावरमाइंस निवासी 32 साल की राजकुमारी को सात महीने के एक शिशु के साथ गिरफ्तार किया था। वह इस बच्चे को झाड़ोल उपखंड के उंडावेला गांव के दंपती रामलाल खराड़ी और उसकी पत्नी पायल से 70 हजार रुपए में खरीदकर लाई थी और यहां उदयपुर में दिल्ली के मनोज नामक दलाल को सौंपना था।
निसंतान दंपतियों को भेजती थी बच्चे
बच्चे को खरीदने के लिए मनोज ने दो लाख रुपए में सौदा तय किया था। राजकुमारी ही मनोज को दिल्ली के ऐसे दंपत्तियों की सूची और उनके कान्टेक्ट नंबर उपलब्ध कराती, जो निसंतान होते थे। जिन्हें बच्चों की जरूरत थी। राजकुमारी से जो बच्चा जब्त हुआ, उसे वह 70 हजार रुपए में खरीदकर लाई थी। बच्चे को फिलहाल बाल कल्याण समिति के हवाले कर दिया है। मामले की जांच के लिए दो टीमें झाड़ोल और दिल्ली भेजी गई हैं। मामले की जांच कर रहे थानाधिकारी योगेन्द्र व्यास का कहना है कि जल्द ही दलाल और बच्चों के खरीदार पकड़े जाएंगे।
मनोज ने 4 लाख में दिल्ली के दंपती से किया सौदा
पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने बताया कि दलाल मनोज ने उदयपुर की राजकुमारी से दो लाख में बच्चा लेना तय किया था। जबकि वह दिल्ली के किसी दंपती से चार लाख रुपए में उसका सौदा तय कर चुका था। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि राजकुमारी मनोज को तीन और बच्चों का सौदा कर चुकी थी। यह सौदा दो—दो लाख रुपए में हुआ था। लेकिन अभी तक मनोज से उसे महज कमीशन के पचास हजार रुपए ही मिले थे। मनोज ने उसे बताया कि वह चार—चार लाख रुपए में ऐसे दंपत्तियों को बच्चे बेचता है, जो निसंतान होते हैं।
पति ने 12 साल पहले छोड़ा
पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने बताया कि राजकुमारी ने बताया कि उसकी शादी तेरह साल पहले डाकन कोटड़ा के व्यक्ति् से हुई थी। जब उसे बच्चा हुआ तब ही उसे पति ने छोड़ दिया और वह पीहर जावरमाइंस रहने लगी। बाद में वह उदयपुर में किराए का कमरा लेकर रहने लगी और एक आईवीएफ सेंटर में काम करे हए एग डोनर लाने लगी, जिसके एवज में उसे बीस हजार रुपए महीने मिलने लगे। बेटे की बेहतर परवरिश को लेकर वह लालच में आ गई और बच्चों के सौदेबाज गिरोह के लिए काम करने लगी।
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काले के कम और गोरे बच्चे के मुंहमांगे पैसे
राजकुमारी ने बताया कि काले बच्चे का सौदा करने में कम पैसे मिलते हैं। लेकिन गोरे बच्चे के मुंहमांगे पैसे मिलते थे। राजकुमारी ने बताया कि झाड़ोल का रामलाल बच्चा लेकर आता था। गोरे बच्चे के एवज में डेढ़ लाख रुपए लेता था। काले बच्चे के बमुश्किल पचास हजार रुपए ही मिल पाते थे। पुलिस अब रामलाल और उसकी पत्नी पायल की तलाश में जुटी है, जो राजकुमारी के पकड़े जाने की सूचना मिलते ही फरार हो गए हैं।
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