'पाई-पाई का हिसाब चाहिए', राजस्थान में किस पर भड़कीं वसुंधरा राजे; अफसरों की लगा दी क्लास
राजस्थान के झालावाड़ के दौरे के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पेयजल संकट को देखकर अफसरों को जमकर फटकाई लगाई है। उन्होंने कहा कि लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। उन्होंने अफसरों को योजनाओं को सही तरीके से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा जल जीवन मिशन को दिए गए 42 हजार करोड़ रुपये का हिसाब भी मांगा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे झालावाड़ दौरे के दौरान काफी ज्यादा गुस्से में नजर आईं। झालावाड़ में पानी के संकट का पता चलने पर वसुधरा राजे ने अफसरों को जमकर फटकार लगाई है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट कर निकाला गुस्सा
पूर्व मुख्यमंत्री ने पानी के संकट के मुद्दे को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी साझा किया और लिखा, "क्या जनता को प्यास नहीं लगती है? सिर्फ आप अफसरों को ही लगती है।"
उन्होंने लिखा, "गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है, अफसर तृप्त हैं। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे। अफसर सो रहे हैं और लोग रो रहे हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।"
पानी के संकट का समाधान निकालने के दिए निर्देश
वसुंधरा राजे ने बढ़ती गर्मी के साथ हो रहे पेयजल संकट को देखते हुए रायपुर कस्बे के ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों को इसके त्वरित समाधान के सख्त निर्देश दिए।
क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ़ आप अफ़सरों को ही लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है।अफ़सर तृप्त है। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुँचे। अफ़सर सो रहें है, लोग रो रहें हैं।
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) April 8, 2025
मैं ऐसा नहीं होने दूँगी।
रायपुर क़स्बे के ग्रामीणों की पेयजल संकट की… pic.twitter.com/QPn9pmhLuk
'पाई-पाई का हिसाब दो'
बीजेपी नेता ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 42 हजार करोड़ जलजीवन मिशन में दिए हैं। पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया? पेयजल संकट के निवारण के लिए हमारी सरकार पैसे दे रही है, लेकिन अफसर योजनाओं को सही तरीके से धरातल पर नहीं ला रहे हैं। इसलिए राजस्थान के लोग प्यास से परेशान हैं। यह तो अप्रैल का हाल है, जून-जुलाई में क्या होगा?"
उन्होंने कहा, "अधीक्षण अभियंता सहित उपस्थित कोई भी अधिकारी मुझे संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। झालावाड़ा में ऐसा हरगिज नहीं चलेगा।"
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