जाना था जापान...पहुंच गए जयपुर! अचानक कैसे भारत पहुंची यूक्रेन की 'फर्स्ट लेडी'; साथ थे जेलेंस्की के 23 अधिकारी
यूक्रेन की प्रथम महिला ओलेना जेलेंस्का का विमान ईंधन भरवाने के लिए जयपुर एयरपोर्ट पर उतरा। उनके साथ कई उच्च-स्तरीय अधिकारी भी थे। भारत सरकार ने पहले से ही इस यात्रा के लिए अनुमति दी थी और विशेष व्यवस्थाएं की थीं। विमान सुबह 630 बजे उतरा और लगभग 815 बजे जापान के लिए रवाना हो गया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की पत्नी और यूक्रेन की फर्स्ट लेडी ओलेना जेलेंस्का एक स्पेशल फ्लाइट से जापान जा रही थीं। लेकिन, अचानक ही उनका विमान भारत के जयपुर एयरपोर्ट पर लैंड किया, जिसके बाद यह खबर सुर्खियों में आ गई।
दरअसल, ओलेना जेलेंस्का का विमान फ्यूल भरवाने के लिए जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कुछ समय के लिए रुका था। उनके साथ यूक्रेन के कई बड़े अधिकार भी इस यात्रा में शामिल थे। भारत सरकार ने इस पूरे कार्यक्रम के लिए पहले से ही अनुमति दी थी और खास प्रोटोकॉल के तहत व्यवस्थाएं भी की गई थी।
कितने बजे लैंड हुआ विमान
इस वीआईपी विमान ने सुबह करीब 6.30 बजे जयपुर में लैंड किया। भारत के विदेश मंत्रालय ने पहले से ही 1 अगस्त को नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो को निर्देश दिए थे कि यूक्रेनी डेलिगेशन का सम्मान किया जाए और उनको जरूरी सुविधा मुहैया कराई जाए।
इस विमान में 23 हाई लेवल के अधिकारी मौजूद थे, जिसमें यूक्रेन की विदेश मामलों की मंत्री एंड्री सिबीहा, संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के स्थायी प्रतिनिधि सर्गेई काइस्लित्स्या और आर्थिक मामलों के मंत्री ओलेक्सई सोबोलेव भी शामिल थे।
मिली थी इमिग्रेशन जांच से छूट
जैसे ही इनका विमान जयपुर लैंड किया तो सभी मेहमानों को वीआईपी लाउंज में ले जाया गया, जहां उन्हें नाश्ता दिया गया। इस दौरान दिल्ली स्थित यूक्रेनी दूतावास के अधिकारी भी जयपुर पहुंचकर उनसे मिले।
यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल को इमिग्रेशन जांच से छूट दी गई थी। इसलिए, उन्हें न तो चेकिंग से गुजरना पड़ा और न ही किसी औपचारिकता से। लगभग 8.15 बजे विमान ने फिर से उड़ान भरी और सभी मेहमान जापान के लिए रवाना हो गए।
भारत-यूक्रेन का रिश्ता
भारत और यूक्रेन के बीच 1991 से अच्छे रिश्ते रहे हैं। भारत उन पहले देशों में शामिल था जिसने यूक्रेन की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध जनवरी 1992 में स्थापित हुए थे। दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा, रक्षा और विज्ञान जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग है।
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