RPSC Paper Leak Case: मास्टरमाइंड समेत कुल 6 गिरफ्तार, 4 दर्जन से अधिक फर्जी यूनिवर्सिटी डिग्री का हुआ खुलासा
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) पेपल लीक केस में उदयपुर पुलिस ने आज भूपेंद्र सरन की प्रेमिका और पत्नी सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा पुलिस ने 4 दर्जन से अधिक फर्जी डिग्री भी हासिल की है।

उदयपुर, ऑनलाइन डेस्क। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा ग्रुप सी के सामान्य ज्ञान के पेपर के लीक में पुलिस ने अपनी कार्रवाई ओर अधिक तेज कर दी है। पुलिस ने अपनी कार्रवाई में बुधवार को पेपर लीक के मास्टरमाइंड सुरेश ढाका और भूपेंद्र सरन से जुड़े लोगों पर छापेमारी की है। जिसमें पुलिस ने भूपेंद्र सरन की प्रेमिका और पत्नी सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से कड़ी पूछताछ की है जिसमें पुलिस को कई अधिक नए खुलासों का पता चला है।
छापेमारी में हुआ बड़ा खुलासा
उदयपुर पुलिस ने पेपर लीक मामलें में 6 लोगों की गिरफ्तारी की है। यहीं नहीं छापेमारी के दौरान पुछताछ में पुलिस को आरोपियों से कई बड़े खुलासों का पता चला है। पूछताछ में पुलिस को 4 दर्जन से अधिक फर्जी यूनिवर्सिटी की डिग्री हासिल हुई है। इसके अलावा उन्होंने आरोपियों से कई मार्कशीट भी बरामद की है। इस बात की सूचना जयपुर के पुलिस कमीश्नर ने दी है। हालांकि इससे पहले भी उदयपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पेपर लीक (Paper Leak Case) गिरोह और उससे पेपर खरीदने वाले अभ्यर्थियों को गिरफ्तार भी किया था. इसके अलावा उदयपुर पुलिस ने दो अलग-अलग जगहों से 55 लोगों की गिरफ्तारी की थी। वहीं जांच के दौरान कई तथ्य ऐसे भी सामने आए हैं जिससे पहले समय में हुए पेपर भी संदेह के घेरे में आने लगे हैं।
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पेपर लीक केस में बीजेपी सांसद ने की सीबीआई जांच की मांग
आरपीएससी पेपर लीक केस में मंगलवार को बीजेपी के सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पूरे मामलें की जांच पड़ताल के लिए सीबीआई जांच की मांग की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि आरपीएससी के कर्मचारियों ने आरोपी सुरेश ढाका और भूपेंद्र को 15 दिन पहले पेपर दिया था और इसलिए मामले में CBI जांच का आदेश दिया जाना चाहिए। बता दें कि उदयपुर में पेपर लीक होने के तुरंत बाद जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, अलवर, भरतपुर, दौसा और कोटा में भी छात्रों को पास कर दिया गया था।
इसलिए उन्होंने कहा कि ऐसे में पूरी भर्ती परीक्षा को रद्द कर मामले की सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए, क्योंकि पेपर लीक मामले में राजस्थान सरकार के कई प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता भी शामिल हैं। किरोड़ी लाल मीणा ने आगे यह भी कहा था कि अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया तो मैं जनता के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ अभियान शुरू करूंगा.
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