राजस्थान: पुलिस कस्टडी में मौत मामले में पांच पुलिसकर्मी निलंबित, पीड़ित परिवार को मिलेगा मुआवजा
राजस्थान के डूंगरपुर में चोरी के आरोप में युवक की पुलिस हिरासत में मौत के बाद तनाव फैल गया। परिजनों और आदिवासी समाज ने धरना दिया। प्रशासन ने मृतक के पिता को नौकरी भाई को संविदा नियुक्ति और परिवार को 27 लाख 50 हजार रुपये का मुआवजा देने पर सहमति जताई।

उदयपुर, डिजिटल डेस्क। राजस्थान में डूंगरपुर जिले के दोवड़ा थाना क्षेत्र में चोरी के आरोप में गिरफ्तार 22 वर्षीय दिलीप अहारी की पुलिस कस्टडी में मौत के मामले ने चार दिन तक जिले में तनाव का माहौल बनाए रखा। परिजन और आदिवासी समाजजन जिला मुख्यालय पर धरने पर बैठ गए। नारेबाजी और सड़क जाम के बीच लगातार वार्ता होती रही, जिसमें कई राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए।
5 पुलिसकर्मी निलंबित
मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए एसपी मनीष कुमार ने दोवड़ा थाना सीआई तेजकरण सिंह चाहरण, जांच अधिकारी हेडकांस्टेबल सुरेश भगोरा, देवसोमनाथ चौकी प्रभारी वल्लभराम पाटीदार, कांस्टेबल पुष्पेंद्रसिंह और माधवसिंह को निलंबित कर रिजर्व लाइन भेजा।
मृतक के पिता को मिलेगी नौकरी
प्रशासन और परिजनों के बीच बुधवार शाम समझौता हुआ। समझौते के तहत मृतक के पिता को गार्ड की नौकरी, छोटे भाई को संविदा नियुक्ति और परिवार को 27 लाख 50 हजार रुपये का मुआवजा देने पर सहमति बनी। इसके बाद धरना समाप्त हुआ और शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया गया।
धरने के दौरान भारत आदिवासी पार्टी सांसद राजकुमार रोत, विधायक उमेश डोमार, भाजपा सांसद मन्नालाल रावत, प्रभारी मंत्री बाबूलाल खराड़ी, कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा और अन्य नेता मौजूद रहे।
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