'गहलोत और पायलट जोड़ो यात्रा' लाई रंग, राहुल गांधी की कोशिश के बाद दोनों नेताओं में बातचीत हुई शुरू
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में है। इससे पहले शुक्रवार को इस यात्रा के एक सौ दिन पूरे होंगे। भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल पिछले 11 द ...और पढ़ें

राजस्थान, जागरण संवाददाता: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में है। 21 दिसंबर को यह यात्रा हरियाणा में प्रवेश करेगी। इससे पहले शुक्रवार को इस यात्रा के एक सौ दिन पूरे होंगे। भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल पिछले 11 दिन से राजस्थान में हैं। राजस्थान में उनकी यात्रा 'गहलोत और पायलट जोड़ो यात्रा' जैसी नजर आ रही है। राहुल के साथ-साथ कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी सीएम अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को जोड़ने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।
राहुल ने अपनी यात्रा में गहलोत-पायलट को साथ रखा
मध्यप्रदेश से झालावाड़ के रास्ते राजस्थान में प्रवेश करने के बाद यात्रा अब दौसा में पहुंच चुकी है। इस दौरान आधा दर्जन जिलों का रास्ता तय करते हुए राहुल ने गहलोत और पायलट को अपने साथ रखा है। दोनों को समान प्राथमिकता दी है। राहुल इस मुहिम में जुटे हैं कि आम लोगों के बीच कैसे एकजुटता का संदेश जाए। गहलोत और पायलट के बीच टकराव कम कर के कैसे दोनों को साथ लाया जा सके।
विधानसभा चुनाव पर राहुल की नजर
राहुल की यह कोशिश करीब दस महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए हो रही है। राहुल इस विधानसभा चुनाव में एकजुटता का संदेश देने में जुटे हैं। पहले सहरिया बहुल आदिवासी जिले बारां में राहुल ने गहलोत और पायलट का हाथ पकड़कर स्थानीय नृत्य किया। अब यात्रा में प्रतिदिन सुबह चाय पीने से लेकर दोपहर के भोजन और रात्रि भोजन के दौरान राहुल हमेशा गहलोत और पायलट को साथ रखते हैं। यहां तक की रविवार को हिमाचल प्रदेश के नये मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने गए राहुल के साथ गहलोत और पायलट भी गए थे।
गहलोत और पायलट में बातचीत शुरू
भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों पायलट के प्रभाव वाले इलाकों से गुजर रही है। गुर्जर और मीणा बहुल इन इलाकों में जब लोग राहुल के साथ पायलट जिंदाबाद के नारे लगाते हैं तो यात्रा में साथ चलने वाले कांग्रेसी लोगों से गहलोत के पक्ष में भी नारेबाजी करने के लिए कहते हैं। खुद राहुल और उनकी टीम गहलोत व पायलट को एक साथ रखने का प्रयास करती है। दोनों के समर्थकों को भी राहुल के साथ चलने का समान अवसर दिया जा रहा है। राहुल की कोशिश का नतीजा ही है कि दो दिन से गहलोत और पायलट के बीच आपस में बातचीत होने लगी है जो लंबे समय से बंद थी।

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