Rajasthan Politics: सचिन पायलट और CM अशोक गहलोत में तकरार हुई तेज, पायलट बोले- इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी
सचिन पायलट ने लगातार पांचवें दिन गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी। अपमान कर देना छोटी-मोटी बात बोल देना अच्छी बात नहीं है। मैं जब भी निकलता हूं विरोधियों का धुंआ निकाल देता हूं।

जागरण संवाददाता, जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में सियासी संग्राम लगातार तेज होता जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट बिना नाम लिए एक-दूसरे पर हमला बोल रहे हैं। दो दिन पहले बजट पूर्व की बैठक में गहलोत ने इशारों में पायलट को 'कोरोना' बताया था। शुक्रवार को पायलट ने लगातार पांचवें दिन गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा, 'इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी। अपमान कर देना, छोटी-मोटी बात बोल देना, अच्छी बात नहीं है। मैं जब भी निकलता हूं विरोधियों का धुंआ निकाल देता हूं।
पायलट शुक्रवार को जयपुर में दो कार्यक्रमों में शामिल हुए। वह पहले पहले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे और फिर महाराजा कालेज छात्रसंघ के वाचनालय का उद्धाटन किया। महाराजा कालेज में उन्होंने छात्रों से कहा कि आप सब जानते हैं मेरे बारे में क्या बोला गया।'
हमें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा चाहिए: सचिन पायलट
पायलट ने पूछा- मेरे बारे में क्या बोला गया तो छात्रों ने जवाब दिया- कोरोना, नाकारा एवं निकम्मा। दरअसल, सीएम ने पायलट के लिए इन शब्दों का प्रयोग किया था। उन्होंने कहा कि हमें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा चाहिए। युवाओं को काबिलियत के आधार पर मौका मिलता रहे। प्रतिभाओं को रोकने की जगह बढ़ाने का काम करें। चुनाव आते हैं, हम विरोध करते हैं लेकिन नीति और सिद्धांतों पर विरोध होना चाहिए। व्यक्तिगत आलोचना करना, गाली-गलौज करना, कठोर शब्द बोल देना बड़ा आसान काम है। उन्होंने कहा कि मैंने विरोधियों के लिए कभी उन शब्दों का प्रयोग नहीं किया, जो अपने लिए नहीं सुनना चाहता हूं।
वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों की हो जांच: पायलट
भर्ती परीक्षाओं के पर्चे लीक होने को लेकर गहलोत सरकार पर लगातार निशाना साध रहे पायलट ने कहा- नौजवानों के भविष्य के साथ जो खिलवाड़ करेगा, मैं उसके विरोध में खड़ा मिलूंगा। पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच होनी चाहिए।
पायलट ने पिछले चार दिन में प्रदेश के चार अलग-अगल जिलों में किसान सम्मेलनों को संबोधित किया है। उधर सीएम गहलोत खेमा भी सक्रिय है। गहलोत खेमा कांग्रेस और सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को एकजुट करने में जुटे हैं। गहलोत खेमे की रणनीति है कि आवश्यकता पड़ने पर कांग्रेस आलाकमान के समक्ष विधायकों की ताकत दिखाई जाए।
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