Rajasthan: बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने की गहलोत के खिलाफ बगावत, बोले- जब तक जिंदा रहूंगा, बोलता रहूंगा
Rajasthan Politics राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने राजेंद्र सिंह गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बाहर निकाल दिया है जिसके बाद राज्य में सियासी हलचल मच गई है। दरअसल गुढ़ा ने राजस्थान विधानसभा में अपनी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि हम महिलाओं की सुरक्षा करने में विफल रहे हैं मणिपुर के बारे में बोलने से पहले हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। राजस्थान सरकार में एक बार फिर हलचल देखने को मिली है। दरअसल, सीएम अशोक गहलोत ने अपने मंत्रिमंडल से राजेंद्र सिंह गुढ़ा को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। राजस्थान विधानसभा में गुढ़ा के बयान के बाद पार्टी को यह फैसला लेना पड़ा था। बता दें कि राजेंद्र सिंह गुढ़ा के पास सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा, पंचायती राज और ग्रामीण विकास के लिए राज्य मंत्री का प्रभार था।
अपनी ही सरकार पर बोला हमला
विधानसभा सत्र के दौरान राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अपने ही सरकार को घेर लिया। राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा, "यह सच्चाई है कि महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए. राजस्थान में जिस तरह से अत्यचार बढ़े हैं महिलाओं के ऊपर, मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।"
हालांकि, बर्खास्त होने के बाद राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि वे अब भी अपने बयान पर कायम है। उन्होंने कहा, "मुझे मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दे या फिर जेल में डाल दे, मैं जब तक जिंदा रहूंगा बोलता रहूंगा। मैं मंत्रिमंडल की बैठक में बोलता रहा हूं। मैंने विधानसभा में बोला और उसका खामियाजा भी मैंने भुगता।
उन्होंने कहा, "हमारे प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। ये आंकड़े बोल रहे हैं कि महिला अत्याचार में देश में राजस्थान पहले स्थान पर है। किसी भी व्यक्ति के अंदर खौफ नहीं है, आज ये स्थिति है... राज्य में पुलिस भ्रष्ट है, वे लोगों से रिश्वत लेने में व्यस्त हैं।"
#WATCH मुझे मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दे या फिर जेल में डाल दे, मैं जब तक जिंदा रहूंगा बोलता रहूंगा। मैं मंत्रिमंडल की बैठक में बोलता रहा हूं। मैंने विधानसभा में बोला और उसका खामियाजा भी मैंने भुगता...हमारे प्रदेश में महिलाएँ सुरक्षित नहीं हैं। ये आंकड़े बोल रहे हैं कि महिला… pic.twitter.com/UzVAuXZQE7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2023
किसे रखना है, किसे नहीं यह सीएम का अधिकार
राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को राजस्थान के मंत्री पद से बर्खास्त किए जाने पर राजस्थान सरकार में मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा, "मंत्रिमंडल का कोई सदस्य बोलता है, तो सरकार बोलती है। उनको (राजेंद्र सिंह गुढ़ा) सोच-समझकर बोलना चाहिए। वो सरकार के अंग थे, उनको अपनी बात रखने से पहले मुख्यमंत्री और अधिकारी से बात करनी चाहिए और फिर बोलना चाहिए, नहीं तो ऐसे मंत्री को रहना ही नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री ने जो फैसला लिया है वो सही फैसला है। किस व्यक्ति को मंत्रिमंडल में रखना है और किसे नहीं, ये उनका अधिकार है।"
मंत्रिमंडल का कोई सदस्य बोलता है तो सरकार बोलती है। उनको(राजेंद्र सिंह गुढ़ा) सोच-समझकर बोलना चाहिए। वो सरकार के अंग थे, उनको अपनी बात रखने से पहले मुख्यमंत्री और अधिकारी से बात करनी चाहिए और फिर बोलना चाहिए नहीं तो ऐसे मंत्री को रहना ही नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री ने जो फैसला लिया… pic.twitter.com/UrcVGZ334u
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2023
पहले ही कर देना चाहिए बाहर
राजस्थान कांग्रेस सह प्रभारी अमृता धवन ने कहा, "राजेंद्र गुढ़ा को राजस्थान के मंत्री पद से पहले ही बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था... देवी सीता पर उनके पहले के बयान को पार्टी ने स्वीकार नहीं किया था। अगर वह कांग्रेस का हिस्सा रहते हुए बीजेपी की भाषा बोलते हैं तो यह स्वीकार्य नहीं होगा। उन्हें कई मौके दिए गए थे और उन्हें पहले ही बर्खास्त किया जाना चाहिए था...।"
#WATCH | Jaipur: Rajasthan Congress Co-Incharge Amrita Dhawan says, "Rajendra Gudha should have been sacked earlier as the Rajasthan minister...His earlier statement on Goddess Sita was not accepted by the party. It will not be acceptable if he speaks BJP's language while being… pic.twitter.com/SAGrvkTCBd
— ANI (@ANI) July 22, 2023
भाजपा ने सीएम गहलोत को घेरा
मंत्रिमंडल से राजेंद्र सिंह गुढ़ा को बाहर निकालने के बाद भाजपा ने भी सीएम अशोक गहलोत पर हमला बोला है। भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा, "सीएम अशोक गहलोत यूज एंड थ्रो के आदी हैं। जब भी उन्हें राजनीतिक लाभ की जरूरत होती है, तो वह लोगों को एक साथ लाते हैं।"
साथ ही, भाजपा विधायक ने कहा, "उन्होंने जोखिम से बचने के लिए ऐसा किया। अगर वह राजस्थान के मंत्री और कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह गुढ़ा के बयान पर कार्रवाई करना चाहते थे, तो वह 3 महीने पहले कार्रवाई कर सकते थे। वह मणिपुर के बारे में बात करते हैं, उन्हें पहले अपने राज्य को देखने की जरूरत है।"
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