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    गहलोत सरकार में बने 9 जिलों और 3 संभागों का गठन रद, भजनलाल कैबिनेट का बड़ा फैसला

    By Agency Edited By: Sachin Pandey
    Updated: Sat, 28 Dec 2024 06:00 PM (IST)

    Rajasthan राजस्थान की भजन सरकार ने शनिवार को बड़ा फैसला करते हुए पूर्ववर्ती गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए कई जिलों के गठन को रद करने का फैसला किया है। साथ ही तीन संभाग को भी रद करने का फैसला किया गया है। राज्य सरकार का कहना है कि इन जिलों को बनाने से पहले व्यावहारिकता पर विचार नहीं किया गया था। पढ़ें पूरी खबर।

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    राज्य सरकार ने 9 जिलों और 3 संभागों का गठन रद कर दिया है। (File Image)

    आईएएनएस, जयपुर। राजस्थान की भजन सरकार ने शनिवार को पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के दौरान राज्य में बनाए गए नौ जिलों और तीन संभागों के गठन को रद कर दिया। शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले को अंतिम रूप दिया गया। राजस्थान में अब 41 जिले और 7 संभाग होंगे।

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    समाचार एजेंसी आईएएनएस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार जिन तीन संभागों को रद्द किया गया है, उनमें पाली, सीकर और बांसवाड़ा शामिल हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शासन के दौरान बनाए गए 17 नए जिलों में से नौ का गठन अब कैबिनेट बैठक के दौरान रद कर दिया गया है। इनमें दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुर सिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ और सांचौर शामिल हैं।

    इन जिलों को रखा गया बरकरार

    इस बीच, जिन जिलों को बरकरार रखा गया है, उनमें बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपुतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूंबर शामिल हैं। राजस्थान के मंत्री जोगाराम पटेल के अनुसार, इन जिलों और संभागों की स्थापना चुनाव से पहले व्यावहारिकता पर उचित विचार किए बिना की गई थी।

    उनका कहना है कि इसमें वित्तीय संसाधनों और जनसंख्या जैसे प्रमुख कारकों की अनदेखी की गई। कई जिलों में 6-7 तहसीलें भी शामिल नहीं थीं, जिससे उनकी आवश्यकता पर सवाल उठ रहे हैं। पटेल ने कहा कि इन क्षेत्रों के लिए कोई नया प्रशासनिक पद या कार्यालय भवन नहीं बनाया गया और प्रत्येक जिले में 18 विभागीय पद स्थापित करने के प्रयास राज्य के लिए बोझिल साबित हुए।

    व्यवहार्य नहीं थे जिले: समीक्षा समिति

    एक समीक्षा समिति ने निष्कर्ष निकाला कि ये जिले व्यवहार्य नहीं थे। इस बीच, बैठक में सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया। विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, 'एसआई भर्ती का मामला आज की बैठक में नहीं था, मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) स्कोर की वैधता एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष करने का निर्णय लिया।'

    इसके अलावा, यह घोषणा की गई कि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत नए लाभार्थियों को शामिल करने के लिए तीन महीने का अभियान चलाया जाएगा। मंत्रियों ने मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान कहा कि राज्य में पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों का पुनर्गठन भी किया जाएगा। मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने की।