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    CM अशोक गहलोत समर्थक तीन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर फिर बढ़ा दबाव - सचिन पायलट खेमा हुआ सक्रिय

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Wed, 15 Feb 2023 09:44 PM (IST)

    राजस्थान कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की इस बारे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल से बातचीत हुई है। सचिन पायलट खेमे ने पार्टी आलाकमान से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थकों के नोटिस का सही तरह से जवाब नहीं देने पर नाराजगी जताई है।

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    राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता,जयपुर। राजस्थान कांग्रेस के सत्ता व संगठन में विधानसभा का बजट सत्र समाप्त होने के बाद बदलाव को लेकर एक बार फिर चर्चा प्रारंभ हुई है। करीब नौ महीने बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान प्रदेश के सत्ता एवं संगठन में कई बदलाव करने पर विचार कर रहा है। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की इस बारे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल से बातचीत हुई है।

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    सचिन पायलट के खेमे ने जताई नाराजगी 

    सूत्रों के अनुसार पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे ने पार्टी आलाकमान से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थकों के नोटिस का सही तरह से जवाब नहीं देने और फिर पालना नहीं होने पर नाराजगी जताई है। पायलट खुद और उनके समर्थक विधायकों ने गहलोत समर्थक स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल,मुख्य सचेतक महेश जोशी और पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ कार्रवाई को लेकर दबाव बढ़ाना प्रारंभ किया है। पायलट खेमे ने रंघावा से तीनों नेताओं के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई करने की बात कही है।

    नाराज पायलट खेमा खरगे से कर सकते हैं मुलाकात 

    यदि शीघ्र ही तीनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो फिर पायलट खेमे के विधायक दिल्ली जाकर खरगे से मिल सकते हैं। दरअसल,पिछले साल 25 सितंबर को कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर जयपुर स्थित मुख्यमंत्री आवास पर पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अजय माकन पर्यवेक्षक के रूप में पहुंचे थे।

    बैठक में सीएम सहित सभी निर्णय सोनिया पर छोड़े जाने को लेकर एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित होना था। लेकिन गहलोत समर्थक विधायक बैठक में नहीं पहुंचे थे। इन विधायकों को धारीवाल,जोशी व राठौड़ एकत्रित कर विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी के निवास पर ले गए थे। जहां उनके एक कागज पर हस्ताक्षर करवाए गए,जिन्हे इस्तीफा बताया गया । हालांकि पिछले महीने इस्तीफा देने वाले विधायकों ने जोशी से मिलकर इस्तीफे वापस ले लिए थे।

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