Rajasthan: प्रवीण तोगड़िया ने देश में बढ़ती महंगाई के लिए केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया
Rajasthan प्रवीण तोगड़िया ने देश में बढ़ती महंगाई पर चिंता जताते हुए केंद्र और राज्य सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि महंगाई का समाधान निकलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को प्रयास करना चाहिए।

जागरण संवाददाता, जयपुर। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने देश में बढ़ती महंगाई पर चिंता जताते हुए केंद्र और राज्य सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि महंगाई का समाधान निकलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को प्रयास करना चाहिए। उन्होंने धर्मांतरण के खिलाफ और जनसंख्या नियंत्रण के लिए ठोस कानून बनाए जाने की मांग करते हुए कहा कि अगर जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बना तो आगामी समय में देश में हिंदुओं के लिए परेशानी होगी। रविवार को जयपुर में पत्रकार वार्ता में तोगड़िया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर और समान नागरिकता कानून के जरिए केंद्र सरकार ने कुछ फैसले तो अच्छे लिए हैं, लेकिन महंगाई रोकने में केंद्र और राज्य सरकारें खेल कर रही है। महंगाई कम करने के लिए केंद्र सरकार को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करनी चाहिए। राज्यों को भी वैट घटना चाहिए।
दस हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
राजस्थान के में अलवर जिले के राजगढ़ में 300 साल पुराना मंदिर तोड़े जाने को षड्यंत्र बताते हुए तोगड़िया ने कहा कि गुजरात जैसे राज्य में सात बार हिंदुओं पर हमला हो गया। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। केंद्र और राज्य सरकार के विभागों में एक करोड़ पद खाली हैं। अगर इन्हें भरा जाए तो बेरोजगारी काफी हद तक खत्म हो सकती है। उन्होंने कहा कि हिंदू परिषद की ओर से 26 मई से राष्ट्रीय स्वरोजगार योजना शुरू की जा रही है। इसके तहत विभिन्न माध्यमों से दस हजार लोगों को रोजगार दिया जाएगा।
गत दिनों जोधपुर एयरपोर्ट से बाहर आते हुए बातचीत में तोगड़िया ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का जिक्र करते हुए मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर हो रही अजान पर सवाल उठाए कहा कि राज्य सरकारों को इस बारे में ठोस कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों की पालना सुनिश्चित हो सके। मस्जिदों पर जो इस समय लाउडस्पीकर अजान के लिए चल रहे हैं, यह कोर्ट के निर्णय का उल्लंघन है, इसलिए सभी राज्य सरकारों को इसको लेकर न्यायालय के निर्णय का पालना करवाना चाहिए, तो किसी को दबाव या आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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