Jal Jan Abhiyan: पीएम मोदी ने देश में की 'जल जन अभियान' की शुरुआत, कहा- हम जल को देते हैं देव की संज्ञा
राजस्थान के सिरोही जिले के आबूरोड में प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय संस्थान से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जन अभियान की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में वर्चुअल जुड़े और वाटर हार्वेस्टिंग के साथ पेड़ लगाने और जल संरक्षण के लिए लोगों को प्रेरित किया।
जोधपुर, जेएनएन। राजस्थान के सिरोही जिले के आबूरोड में प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय संस्थान से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जन अभियान की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में वर्चुअल जुड़े और वाटर हार्वेस्टिंग के साथ पेड़ लगाने और जल संरक्षण के लिए लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह मिशन ऐसे समय शुरू हो रहा है जब पानी कमी को लेकर दुनिया भारत को देख रही है । जल है तो कल है , इसके लिए हमें आज से ही सोचना है। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आये अभिनेता नाना पाटेकर , कवि-गीतकार मनोज मुंतशिर और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संबोधित किया।
हम जल को देते हैं देव की संज्ञा- पीएम
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की आध्यात्मिक संस्थाओं का भी जल अभियान में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भारत के ऋषियों ने हजारों सालों से प्रकृति से मिलने वाली चीजों के संरक्षण का संदेश दिया है। इसलिए हम जल को देव की संज्ञा देते हैं। नदियों को मां मानते आए हैं। हमारी संस्कृति प्रकृति और इंसान के बीच मानवीयता का रिश्ता जोड़ती है । वाटर हार्वेस्टिंग के साथ पेड़ लगाने और जल संरक्षण के लिए लोगों को प्रेरित करना जल जन मिशन का उद्देश्य है।
नामामि गंगे से गंगा के साथ स्वच्छ हो रही है सहायक नदियां
इस मौके पर नमामि गंगे का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नमामि गंगे मॉडल बनकर उभरा है। केवल गंगा ही नहीं साफ हो रही है, सहायक नदियां भी स्वच्छ हो रही है ।गिरता भूजल स्तर पर भी चिंता का विषय है , इसलिए कैच द रेन मूवमेंट शुरू किया है उन्होंने कहा कि देश की हजारों ग्राम पंचायतों में अटल भूजल योजना का काम किया जा रहा है । हमारे देश में जल जैसी जीवन की महत्वपूर्ण व्यवस्था महिलाओं के हाथ में रही है । जल जीवन मिशन में पानी समिति का नेतृत्व माताएं ही कर रही हैं ।
56 लाख करोड़ लीटर पानी हर साल बरसता है- शेखावत
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हम दुनिया में तेजी से बढ़ने वाली आबादी हैं । हम मानसून के सिर्फ 40-42 दिन बारिश के पानी पर सारा साल निर्भर होते हैं । हमारे देश में हर साल 2000 बिलियन क्यूसेक ( 56 लाख करोड ) पानी बरसता है , लेकिन दो हजार बिलियन क्यूसेक पानी में से सिर्फ 300 बिलियन क्यूसेक ( 8.5 लाख करोड़ ) पानी ही रोक पा रहे हैं। हम धरती से पानी निकालने वाले सबसे बड़े देश हैं। हमारे बाद अमेरिका और चाइना आता है, लेकिन हम उन दोनों देशों के कुल उपयोग के डेढ़ गुना ज्यादा दोहन कर रहे हैं । भारत में ज्यादातर वाटर रिर्सोसेस प्रदूषित हो रहे है ।
पानी के उपयोग को समझाने की जरूरत- नाना पाटेकर
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बॉलीवुड एक्टर नाना पाटेकर ने कहा कि हम समझ नहीं पा रहे हैं। हम पानी का उपयोग सही नहीं कर रहे हैं। हमारी समस्या है, बच्चे बड़े हो जाते हैं और शहर की ओर चले जाते हैं। गांव की ओर नहीं लौटते हैं। हमें नए तरीके से खेती करनी पड़ेगी और यह पलायन खत्म होना चाहिए। नाना पाटेकर ने कहा कि देश में पानी की समस्या बहुत है। महाराष्ट्र में भी पानी की समस्या है, लेकिन इन देश के लिए सबसे बड़ी समस्या बढ़ती आबादी है। देश में लगातार आबादी बढ़ रही है। पहले आबादी 35 करोड़ थी और अब 135 करोड़ हो गई है। उन्होंने कहा कि हमारे पास सीमित साधन है। भूमि सीमित है और पानी सीमित है । ऐसे में देश में बढ़ती आबादी को रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए।
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