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    घुसपैठ करने वालों की खैर नहीं! पाकिस्तान की सीमा पर शुरू हुई स्मार्ट फेंसिंग, सीसीटीवी कैमरे से होगी निगरानी

    Updated: Sat, 12 Apr 2025 10:00 PM (IST)

    कैलाश और शेरपुर सीमा चौकियां के बीच 11 किलोमीटर लंबी स्मार्ट फेंसिंग लगाने का काम पूरा हो गया है। जीरो लाइन से करीब 150 मीटर दूरी पर रेत के बजाय पत्थर के फाउंडेशन पर प्लास्टिक कोटेड तारों की दीवार खड़ी की गई है। इसे कोबरा वायर सेंसर और सीसीटीवी कैमरों से चाक चौबंद किया गया है। श्रीगंगानगर से तारबंदी के साथ स्मार्ट फेंसिंग का काम शुरू हुआ है।

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    पत्थर के फाउंडेशन पर प्लास्टिक कोटेड तारों की दीवार खड़ी की गई है (फोटो: एएनआई)

    जागरण संवाददाता, जयपुर। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे राजस्थान के 1070 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में अब घुसपैठ आसान नहीं होगी। अंतरराष्ट्रीय सीमा को अब स्मार्ट फेंसिंग से सील करने का काम शुरू हो गया है। कंटीली तारबंदी के साथ स्मार्ट फेंसिंग लगाई जा रही है।

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    फेंसिंग में सेंसर लगे हुए हैं, जिससे उसके करीब आते ही अलार्म बज जाएगा और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान सक्रिय हो जाएंगे। पाकिस्तान सीमा से सटे श्रीगंगानगर से तारबंदी के साथ स्मार्ट फेंसिंग का काम शुरू हुआ है।

    सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी

    कैलाश और शेरपुर सीमा चौकियां के बीच 11 किलोमीटर लंबी स्मार्ट फेंसिंग लगाने का काम पूरा हो गया है। जीरो लाइन से करीब 150 मीटर दूरी पर रेत के बजाय पत्थर के फाउंडेशन पर प्लास्टिक कोटेड तारों की दीवार खड़ी की गई है। इसे कोबरा वायर, सेंसर और सीसीटीवी कैमरों से चाक चौबंद किया गया है।

    पिछले दिनों बीएसएफ के महानिरीक्षक एम.एल.गर्ग ने घड़साना से खाजूवाला तक ग्यारह सीमा चौकियों का दौरा कर तारबंदी और स्मार्ट फेंसिंग के काम का जायजा लिया है। स्मार्ट फेंसिंग में अब तारबंदी को पारकर घुसपैठियों का भारतीय सीमा में आना आसान नहीं होगा।

    जानकारी के अनुसार स्मार्ट फेंसिंग का प्रयोग इजरायल की तर्ज पर किया गया है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कड़ी चौकसी रखने के लिए विस्तृत एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआइबीएमएस) से सीमा चौकियों को लैस किया गया है।

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