उत्तर पश्चिम रेलवे ने दो साल का रखा लक्ष्य,1600 किमी पर तैयार होगा कवच; ट्रेन हादसे को रोकने में मिलेगी मदद
North Western Railways उत्तर पश्चिम रेलवे ने कवच को लेकर दो साल का लक्ष्य रखा है।इसको लकर एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा हमने पूरे क्षेत्र में 1600 किमी पर कवच को लागू करने के लिए 426 करोड़ रुपये के टेंडर दिए हैं। उन्होंने बताया कि मार्ग पर 4जी और 5जी नेटवर्क की उपलब्धता का पता लगाने के लिए एलटीई सर्वेक्षण चल रहा है।

जयपुर, एजेंसी। उत्तर पश्चिम रेलवे अगले दो वर्षों के भीतर राजस्थान और हरियाणा में फैले जोन में कवच टक्कर रोधी प्रणाली (Kavach Anti-Collision System) लागू करने की योजना बना रहा है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि उत्तर पश्चिम रेलवे तीन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन करता है जो स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच से सुसज्जित हैं। हालांकि, टक्कर-रोधी उपकरण का उपयोग रेलवे क्षेत्र में नहीं किया जा सकता क्योंकि यह प्रणाली अभी तक देश के इस हिस्से में लागू नहीं की गई है।
अधिकारी ने कहा, ''हमने पूरे क्षेत्र में 1600 किमी पर कवच को लागू करने के लिए 426 करोड़ रुपये के टेंडर दिए हैं।'' उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि मार्ग पर 4जी और 5जी नेटवर्क की उपलब्धता का पता लगाने के लिए एलटीई सर्वेक्षण चल रहा है।
दक्षिण मध्य रेलवे पर भी लगाया गया कवच
वंदे भारत एक्सप्रेस स्वदेशी रूप से विकसित सेमी-हाई स्पीड ट्रेनें हैं जो 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त कर सकती हैं। पिछले महीने, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद को बताया था कि कवच को दक्षिण मध्य रेलवे पर 1,465 रूट किमी पर तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर के लिए कवच टेंडर दिए गए हैं और इन मार्गों पर काम जारी है।
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