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    नेपाल की शिव प्रतिमा से ढाई गुना बड़ी है नाथद्वारा की 'विश्वास स्वरूपम', स्‍टैच्‍यु आफ लिबर्टी से है गहरा नाता

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Sat, 29 Oct 2022 03:38 PM (IST)

    प्रतिमा को बनाने में 2600 टन स्टील 2601 टन लोहा 26 हजार 618 क्यूबिक मीटर सीमेंट और कॉन्क्रीट का इस्‍तेमाल हुआ है। इसका निर्माण उद्यमी मदन पालीवाल ने कराया है जो मिराज उद्योग के मालिक हैं। इसमें पर्यटकों के मनोरंजन के लिए और भी कई साधन हैं।

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    नेपाल की शिव प्रतिमा से ढाई गुना बड़ी है नाथद्वारा की 'विश्वास स्वरूपम'

    उदयपुर, सुभाष शर्मा। राजस्‍थान के नाथद्वारा (Nathdwara) दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा है। इसका आज लोकार्पण किया जाएगा। शनिवार से इसके लोकार्पण महोत्सव की शुरूआत होने जा रही है। नौ दिवसीय लोकार्पण समारोह के दौरान प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू (Morari Bapu) इसको लोकार्पित करेंगे। नाथद्वारा की शिव प्रतिमा इससे पहले की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा से लगभग ढाई गुना ऊंची है।

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    दुनिया में भगवान शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा

    नाथद्वारा में बनाई गई शिव प्रतिमा की ऊंचाई 369 फीट है, जबकि इससे पहले विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा नेपाल के काठमांडू (Kathmandu) में स्थित कैलाशनाथ महादेव (Kailashnath Mahadev) की प्रतिमा थी, जिसकी ऊंचाई 144 फीट है।

    नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर लीन और अल्हड़ मुद्रा में निर्मित शिवजी की प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम' का निर्माण नाथद्वारा के ही उद्यमी मदन पालीवाल (Madan Paliwal) ने कराया है जो मिराज उद्योग (Miraj Group) के मालिक हैं। इसमें लिफ्ट के जरिए 280 फीट तक दर्शनार्थी जा सकेंगे।

    स्टेच्यू आफ लिबर्टी बनाने वाली कंपनी ने किया तैयार

    नाथद्वारा की शिव प्रतिमा का निर्माण अमेरिका की उसी कंपनी को दिया गया था, जिसने अमेरिका की स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी (Statue of Liberty) को तैयार किया है। यह प्रतिमा अपनी ऊंचाई की वजह से बीस किलोमीटर दूर से ही दिखाई देने लगती है। इस प्रतिमा के निर्माण में 2,600 टन स्टील, 2,601 टन लोहा, 26 हजार 618 क्यूबिक मीटर सीमेंट और कॉन्क्रीट लगी है।

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    ढाई सौ किलोमीटर की रफ्तार तक की हवा झेलने में सक्षम

    प्रोजेक्ट के सीनियर मैनेजर मुनीस नासा बताया था कि इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (Wind tunnel Test) आस्ट्रेलिया में कराया गया, जो ढाई सौ किलोमीटर की रफ्तार तक की हवा झेलने में पूरी तरह सक्षम है। बरसात और धूप से बचाने के लिए इस पर जिंक की कोटिंग की गई है।

    कॉपर कलर से बीस साल तक नहीं पड़ेगा फीका

    प्रतिमा को कॉपर कलर से रंगा गया है, जो बीस साल तक फीका नहीं पड़ेगा। प्रतिमा के अंदर ही पांच-पांच हजार के दो वाटर हॉल बनाए गए हैं। इनमें से एक भगवान शिव के अभिषेक के लिए काम में लाया जाएगा, बल्कि दूसरा आग बुझाने में उपयोग होगा।

    शिव स्तुति की महिमा दिखेगी प्रतिमा पर

    शिव प्रतिमा पर विशेष रूप से लाइट एंड साउंड के थ्री डी इस्तेमाल से शिव स्तुति का प्रसारण होगा। पर्यटकों के लिए यह बेहद आकर्षण का केंद्र होगा। यहां पर्यटकों के लिए गोल्फ कार्ट की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। यहां आने वाले पर्यटक बंजी जंपिंग का आनंद भी उठा सकेंगे, जो देश की सबसे अधिक हाइट की है।

    89 मीटर हाइट की बंजी जंपिंग के लिए विदेश से प्रशिक्षक बुलाए गए हैं। यह ऋषिकेश के बाद दूसरी सबसे बड़ी बंजी जम्पिंग होगी जिसका लुत्फ उठाने के लिए देश-विदेश के पर्यटक यहां आएंगे।

    साथ ही फूडकोर्ट, गेम जोन, जिप लाइन, गो कार्टिंग, एडवेंचर पार्क, जंगल कैफे का निर्माण भी किया गया है। जहां पर्यटक दिनभर यहां इसका लुत्फ उठा सकेंगे।

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