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    Kharmas 2019: खरमास लगने पर भी आप कर सकते हैं ये पांच काम, नहीं है कोई बाध्यता

    By Babita kashyapEdited By:
    Updated: Mon, 16 Dec 2019 09:40 AM (IST)

    Kharmas 2019 पौष मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि यानी आज 16 दिसंबर से खरमास प्रारंभ हो चुका है अब एक माह तक मांगलिक कार्यो वर्जित रहेंगे। ...और पढ़ें

    Kharmas 2019: खरमास लगने पर भी आप कर सकते हैं ये पांच काम, नहीं है कोई बाध्यता

    अजमेर, जेएनएन। शास्त्रों के मुताबिक पौष मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि सोमवार से मलमास प्रारम्भ हो जाएगा। मान्यताओं के तहत मलमास शुरू होने के पश्चात एक महीने तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता जिससे सभी मंगल कार्य एक महीने के लिए निषेध हो जाएंगे। राज ज्योतिष पंडित सुदामा शर्मा के मुताबिक सूर्यदेव इस दिन धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जिससे धनु मलमास प्रारम्भ हो जाएगा। इस दौरान सभी शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी, जो जनवरी में आने वाली मकर संक्रांति तक प्रभावी रहेगा। 

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    मलमास में भूल कर भी न करें ये काम 

    मलमास जिसे खरमास भी कहा जाता है इसमें कोई भी मांगलिक कार्य जैसे शादी, सगाई, वधु प्रवेश, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नया व्यापार आदि की शुरुआत नहीं करनी चाहिये। दरअसल इन कार्यो के सिद्ध होने के लिए गुरु का प्रबल होना बेहद आवश्यक है। बृहस्पति से ही हमारा वैवाहिक जीवन सुखद होता है एवं संतान सुख प्राप्त होता है। खरमास के दौरान गंगा व गोदावरी के साथ-साथ पूरे उत्तर भारत में मांगलिक कार्य निषेध माना गया है। 

     मलमास की पौराणिक कथा

    कोई भी राशि हो या नक्षत्र हर किसी का कोई स्वामी माना जाता है, लेकिन मलमास को कोई स्वामी नहीं है। इसे खरमास भी कहा जाता है इसमें सभी प्रकार के शुभ कार्य, देव कार्य या पितृ कार्य पूरी तरह से वर्जित माने गये हैं। मलमास  पुरुषोत्तम मास बनने की रोचक कहानी का पुराणों में जिक्र किया गया है। इस रोचक कथा के अनुसार स्वामीहीन होने पर मलमास की बड़ी निंदा होने लगी। इससे दुखी हो वह श्री हरि विष्णु के पास गया और अपना दुख सुनाया। 

    उसका दुख सुन श्री हरि उसे लेकर गोलोक में पहुंचे, जहां श्री कृष्ण विराजमान थे। करुणा के सागर भगवान श्रीकृष्ण ने मलमास की सारी व्यथा सुनकर वरदान दिया और कहा कि अब से मैं ही तुम्हारा स्वामी हूं। अब मेरे सारे दिव्य गुण तुम्हारे अंदर समाहित हो जाएंगी। पुरुषोत्तम कहलाने वाला मैं अब तुम्हें अपना ये नाम देता हूं। अब तुम मलमास के बजाय पुरुषोत्तम मास के नाम से पुकारे जाओगे। 

    इसलिए प्रत्येक तीसरे वर्ष (संवत्सर) में तुम्हारे आने पर जो भी व्यक्ति श्रद्धा भक्ति के साथ शुभ कार्य करेगा उसे कई गुणा पुण्य प्राप्त होगा। इस प्रकार भगवान की कृपा से अनुपयोगी हो चुका मलमाल धर्म और कर्म के लिए सबसे उपयोगी बन गया। बता दें कि मलमास में स्नान, अनुष्ठान, पूजन और दान करने वाले को कई गुणा फल प्राप्त होता है।

    कब शुरु होंगे शुभ कार्य

    देवउठनी एकादशी से शुरु हुए शुभ कार्यो पर 16 दिसंबर से एक माह के लिए ब्रेक लग गयी है। अब 23 जनवरी से शहनाइयां गूंजेंगी। गौरतलब है कि गुरु की राशि में सूर्य के पहुंचने के कारण एक माह के लिए शादियों पर विराम लग गया है। 23 जनवरी से फिर वैवाहिक कार्यक्रमों का आयोजन शुरु हो जाएगा। 

    खरमास लगने पर भी आप कर सकते हैं ये पांच काम

    1. प्रेम विवाह कर रहे हैं तो कोर्ट मैरिज में खरमास की कोई बाध्यता नहीं है।

    2. नियमित रूप से किये जाने वाले शुभ काम जैसे कोई धार्मिक अनुष्ठान पर इसकी बाध्यता नहीं है।

    3. अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति धनु राशि में हो तो ऐसी स्थिति में आप शुभ कार्य कर सकते हैं।

    4. सीमांत, अन्नप्राशन व जातकर्म अगर पहले से ही इस अवधि में तय हो तो वो किये जा सकते हैं। 

    5. अगर घर में किसी की मृत्यु हो जाये तो श्राद्ध करने वालों पर खरमास की कोई बाध्यता नहीं है।