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International Womens Day 2021: जोधपुर की बेटी पार्वती जांगिड़ ने विश्व में भारत का बढ़ाया मान

International Womens Day 2021 जोधपुर निवासी पार्वती जांगिड़ ने विश्व पटल पर जोधपुर ही नहीं समूचे भारत का नाम रोशन किया है। पार्वती ने ब्यूटी ऑन अर्थ टाइटल के साथ द रिपब्लिक ऑफ वुमेन प्रेसिडेंटियल चुनाव में विश्व में पहला स्थान अर्जित किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 06:31 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 06:31 PM (IST)
International Womens Day 2021: जोधपुर की बेटी पार्वती जांगिड़ ने विश्व में भारत का बढ़ाया मान
जोधपुर की बेटी पार्वती जांगिड़ ने विश्व में भारत का बढ़ाया मान। फाइल फोटो

जोधपुर, संवाद सूत्र। International Womens Day 2021: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देश की पश्चिमी सरहद से सटे बाड़मेर के गागरिया मूल की बेटी जोधपुर निवासी पार्वती जांगिड़ ने समूचे विश्व पटल पर जोधपुर ही नहीं समूचे भारत का नाम रोशन किया है। पार्वती ने अमेरिका सहित विश्व के 120 से भी अधिक देशों के बीच हुई वोटिंग में सामाजिक सरोकारों और मानवीय कार्यों से जुड़े ब्यूटी ऑन अर्थ टाइटल के साथ द रिपब्लिक ऑफ वुमेन प्रेसिडेंटियल चुनाव में विश्व में पहला स्थान अर्जित किया है। उनके इस अचीवमेंट से उनके परिवार सहित जोधपुर में खुशी का माहौल है। इसी वोटिंग में अमेरिका की हाॅलीवुड सिंगर, एक्टिविस्ट मेरी मिलबेन दूसरे तथा इंदौर की मोनिका पुरोहित ने तीसरा स्थान पर रही है।

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जोधपुर के पाल रोड क्षेत्र में रहने वाली स्वर्गीय लूणाराम सुथार और संजूदेवी के कुल छह संतानों में से एक सबसे छोटी पुत्री पार्वती जांगिड़ के अनुसार नारी का जीवन है संघर्ष है, जिसे उसको जीतना ही है। फिर क्या फर्क पड़ता है कि लड़की का जन्म कहां हुआ है, गरीब के घर या अमीर के घर, गांव में या शहर में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, वह भी भव्य सपने देखने की हकदार है। हम सब मिलकर ही उसके सपने को पूरा कर सकते हैं। बीएसएफ और सेना सिस्टर के रूप में पहचाने जाने वाली पार्वती आगे कहती है कि यह जरूरी नहीं कि आप के पास सब कुछ अच्छा ही हो, इसके लिए आप के पास आत्मविश्वास के साथ हौसला भी होना चाहिए, जिससे आप अपनी हर मुश्किल पार पा सकती हैं। अपनी इस जीत की उपलब्धि की देश की हर महिला की जीत बताते हुए पार्वती कहती हैं कि,"मैं शोषित पीड़ीत सुविधाओं से वंचित महिलाओं की आवाज बनने की पुरजोर कोशिश करूंगी। जो लोग विश्व मे महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रहे हैं, उनके साथ मिलकर पूरे विश्व में एक सकारात्मक माहौल बनाने का काम करूंगी, जिससे कि समाज व सृष्टि के सृजन श्रृंगार को बरकरार रख कर आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन सकें। पार्वती ने अपने इस केम्पेन में आमजन, परिवार के सदस्यों और जनप्रतिनिधियों, आर्मी, बीएसएफ सेना के जवानोंऔर देश विदेश से मिले भरपूर सहयोग के लिए भी सभी का आभार व्यक्त किया और इसे सामूहिक उपलब्धि बताया।

वे कहती हैं," यह सब ईश्वर कृपा और आप सब शुभचिंतकों की दुआएं फल फूल रही है। ग्रामीण जीवन से उठकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब आपको पहचान मिलने लगे ।आपके आशीर्वाद ने देश के अंतिम छोर बाड़मेर के सीमावर्ती गागरिया गांव से उठाकर विश्व पटल पर खड़ा कर दिया। देश का नाम हमेशा गौरवान्वित करूंगी। यह जीत, ये तमगे, आपके स्नेह को समर्पित है। आपकी दुआओं, फौजी भाइयों के प्यार से मैं अडिग खड़ी रहूंगी।"

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई इस वोटिंग में 120 देशों ने हिस्सा लिया था। जिसमें की महिलाओ के लिए ब्युटी ऑन अर्थ ग्लोबल कांटेस्ट और द रिपब्लिक ऑफ वुमेन काउंसिल के लिए पार्वती ने पहला स्थान हासिल किया है। जोधपुर की पार्वती जांगिड़ स्वतंत्र डिजिटल स्टेट ‘‘द रिपब्लिक ऑफ वुमेन‘‘ की प्रथम अध्यक्ष बन गई।

खुद के जीवन संघर्ष को ही बनाई मिसाल

पार्वती जांगिड़ ने खुद के जीवन के संघर्ष को ही मिसाल बना कर महिलाओं को उन्नति की राह दिखाने का प्रयास किया। कम उम्र में ही बाल विवाह जैसी कुरीति से घिरी पार्वती को दसवीं कक्षा में ही स्कूल छुवाड़ा दी गई। लेकिन बिना हिम्मत हारे परिवार को साथ में ले पार्वती ने ना सिर्फ अपना विवाह निरस्त करवाया बल्कि जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से स्नातक शिक्षा ग्रहण की। इसके अलावा राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर करने अलावा वर्तमान में समाज सेवा में भी शिक्षा ग्रहण कर रही है।

सामाजिक सरोकार में हमेशा आगे रहती है पार्वती

जोधपुर के बालिका आदर्श विद्या मंदिर सीनियर सेकंडरी विद्यालय की छात्रा रही पार्वती यूथ पार्लियामेंट ऑफ इंडिया की चेयरपर्सन और फाउंडर प्रेसिडेंट हैं। बालिका जीवन से ही बहुमुखी प्रतिभा की धनी पार्वती पर विवेकानंद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विचारों का प्रभाव स्पस्ट दिखाई देता है। अपना जीवन राष्ट्र के नाम समर्पित करने का जज्बा रखने वाली पार्वती के पिता का निधन बाल्यकाल में ही हो गया था। ऐसे में चार बहनों और दो छोटे भाइयों के साथ परिवार को भी मजबूती के साथ संभालने में उन्होंने कोई कमी नहीं रखी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने स्वयं ने अपना बाल विवाह निरस्त करवाया ,साथ ही ऐसी कुरीतियों के खिलाफ आवाज भी बुलंद की। पार्वती जांगिड़ के पिता के निधन के बाद परिवार को संभाल रहे उनकी बड़ी बहन के पति डॉ मोहन कहते हैं कि ‘द रिपब्लिक ऑफ वीमेन‘‘ का चुनाव व ब्युटी ऑन अर्थ का खिताब मिलना बुलंद हौसला , ऊंची सोच उम्मीद, मेहनत का प्रतिफल है। उन्होंने पार्वती की लगन की बेहद करीब से देखा है ,पार्वती हमेंशा सामाजिक सरोकारों में आगे रहती है। ये वास्तव में पार्वती जैसी अनेक लड़कियों के उम्मीदों की एक किरण है जो उसकी तरह सपने देखती हैं और उसको पूरा करना चाहती है। पार्वती ने अपने दिवंगत पिता के बेटे बेटी एक समान वाली सोच को साकार किया है।


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