Rajasthan Paper Leak Case: योगी की राह पर गहलोत सरकार, पेपर लीक मामले में बुलडोजर की कार्रवाई
जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के अधिकारियों ने सोमवार को एक कोचिंग सेंटर की इमारत को ध्वस्त कर दिया है। कोचिंग सेंटर को राजस्थान पेपर लीक मामले में शामिल दो आरोपी चला रहे थे। जेडीए अधिकारियों ने बताया कि कोचिंग सेंटर का अवैध तरीके से निर्माण किया गया था।

जयपुर,पीटीआई। जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के अधिकारियों ने सोमवार को एक कोचिंग सेंटर की इमारत को ध्वस्त कर दिया है। दरअसल कोचिंग सेंटर को राजस्थान पेपर लीक मामले में शामिल दो आरोपी चला रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि कोचिंग सेंटर की इमारत को अवैध तरीके से बनाया गया था। उन्होंने यह भी बताया था कि इमारत को गिराने से पहले कोचिंग सेंटर के मालिकों को तीन दिन पहले नोटिस भी भेजा गया था लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नही मिला था। जिसके बाद जेडीए के अधिकारियों ने यह कार्रवाई की।
अवैध तरीके से किया था कोचिंग का निर्माण
जेडीए की प्रवर्तन शाखा ने बताया कि कोचिंग सेंटर भवन का निर्माण कानूनों का उल्लंघन कर किया गया था। भवन मालिक अनिल अग्रवाल और कोचिंग सेंटर संचालक सुरेश ढाका, भूपेंद्र सरन, धर्मेंद्र चौधरी और छजू लाल जाट को जेडीए ने नोटिस दिया था। अधिकारियों के मुताबिक इमारत को इसलिए ध्वस्त किया गया क्योंकि कोचिंग संस्थान दो आवासीय भूखंडों पर बनाया गया था और सड़क पर भी अतिक्रमण किया गया था। जेडीए के अधिकारियों को नोटिस देने के बाद भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला था। जेडीए प्रवर्तन विंग के प्रमुख रघुवीर सैनी ने संवाददाताओं से कहा कि अवैध तरीके से बनाए गए कोचिंग सेंटर को आज ध्वस्त कर दिया गया है।
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पेपर लीक केस में पुलिस ने 55 लोगों को किया था गिरफ्तार
दिसंबर में ग्रेड-2 शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में 37 अभ्यर्थियों समेत कुल 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने इस मामले में दो अलग-अलग केस दर्ज किए थे। पुलिस ने बताया कि एक स्कूल के प्रिंसिपल सुरेश विश्नोई, एमबीबीएस छात्र भजनलाल और रायता राम चौधरी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि कोचिंग सेंटर के संचालक सुरेश ढाका का नाम भी सामने आया है, लेकिन वह गिरफ्तारी से बच रहा है। गौरतलब है कि उदयपुर पुलिस ने एक बस को रोका था जिसमें कुछ परीक्षार्थी परीक्षा देने जा रहे थे। परीक्षार्थियों के पास से पहले से ही शिक्षक भर्ती परिक्षा का प्रश्नपत्र मिला, जिसके बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था।

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