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    Kota Suicide: छात्र सुसाइड को रोकने के लिए राज्य सरकार की पहल, हॉस्टल वार्डन और स्टाफ को मिलेगा प्रशिक्षण

    By Jagran NewsEdited By: Versha Singh
    Updated: Fri, 15 Sep 2023 12:44 PM (IST)

    कोटा में छात्रों के द्वारा आत्महत्या करने के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इन्हें रोकने के लिए राजस्थान सरकार भर्सक प्रयास कर रही है। तरह तरह के आदेश राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए हैं। अब राज्य सरकार की ओर से कोटा में छात्रावासों के वार्डन और स्टाफ सदस्यों को मेस प्रबंधन मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक परामर्श और छात्रों की देखभाल के अन्य पहलुओं में पेशेवर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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    Kota Suicide: छात्र सुसाइड को रोकने के लिए राज्य सरकार की पहल

    कोटा (राजस्थान), एजेंसी। Kota Suicide: राजस्थान के कोटा में लगातार छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। जिसको लेकर राज्य सरकार भी चिंतित है। राज्य सरकार ने इसे रोकने के लिए कई प्रयास भी किए हैं।

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    वार्डन और स्टाफ को दिया जाएगा प्रशिक्षण

    न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, अब राज्य सरकार की ओर से कोटा में छात्रावासों के वार्डन और स्टाफ सदस्यों को मेस प्रबंधन, मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक परामर्श और छात्रों की देखभाल के अन्य पहलुओं में पेशेवर प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि उन्हें कोचिंग हब में उम्मीदवारों द्वारा आत्महत्या की बढ़ती संख्या से लड़ने के लिए तैयार किया जा सके।

    यह कदम इस साल इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों द्वारा रिकॉर्ड संख्या में आत्महत्या करने के मद्देनजर उठाया गया है।

    छात्र सुसाइड को रोकने का प्रयास

    कोटा में तीन छात्रावास संघों - चंबल हॉस्टल एसोसिएशन, कोरल हॉस्टल एसोसिएशन और कोटा हॉस्टल एसोसिएशन - ने वार्डन और कर्मचारियों के लिए विशेष छात्रावास प्रबंधन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम डिजाइन करने के लिए यहां जय मिनेश जनजातीय विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

    इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सालाना 2.5 लाख से अधिक छात्र कोटा जाते हैं।

    कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने कहा कि कोचिंग हब में 3,500 हॉस्टल हैं। इस साल अब तक 24 छात्रों ने आत्महत्या की है, जिनमें से दो ने 27 अगस्त को कुछ ही घंटों के अंतराल में आत्महत्या कर ली और बुधवार को भी एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। पिछले साल यह संख्या 15 थी।

    8000 रुपए की होगी पाठ्यक्रमों की योजना

    प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए, मित्तल ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा, कई बार हॉस्टल इस तरह की नौकरियों के लिए किसी को भी नियुक्त करते हैं और उन्हें छात्रों से निपटने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया जाता है। इन पाठ्यक्रमों को लेने वाले शिक्षक सीखेंगे कि छात्रों के साथ पेशेवर तरीके से कैसे व्यवहार किया जाए और तनाव और अवसाद के शुरुआती लक्षणों पर नजर कैसे रखी जाए।

    न्यूज एजेंसी PTI के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, 8,000 रुपये की फीस के साथ छह महीने की अवधि के लिए पाठ्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है।

    उन्होंने आगे कहा, हम हॉस्टल मालिकों को अपने कर्मचारियों के लिए यह लागत वहन करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि फीस कोई बाधा न बने। वार्डन को पता होना चाहिए कि कब नरम व्यवहार करना है, कब सख्त व्यवहार करना है, माता-पिता और छात्रों के साथ कुशलता से कैसे संवाद करना है..कभी-कभी वे छात्रों के हित के बारे में सोचते हुए शिकायत करते हैं और छात्र तनाव लेते हैं..कभी-कभी परोसा गया भोजन अच्छा नहीं होता है..ये सभी मुद्दे हो सकते हैं उचित प्रशिक्षण से समाधान किया जा सकता है।

    मेस वर्कर और अन्य के बारे में होगा सर्वे

    विश्वविद्यालय ने छात्रावास संघों से एक सप्ताह के भीतर कोचिंग हब के छात्रावासों में कर्मचारियों की संख्या और उनकी भूमिकाओं - मेस वर्कर, हाउसकीपिंग, वार्डन, सुरक्षा गार्ड, सहित अन्य के बारे में एक सर्वेक्षण करने को कहा है।

    जय मिनेश ट्राइबल यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन आरडी मीना ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा, आंकड़ों के आधार पर हम पाठ्यक्रम डिजाइन करेंगे। हम छात्रावास संघों के साथ यह पता लगाने के लिए काम कर रहे हैं कि कैसे इन पाठ्यक्रमों को प्रदान किया जा सकता है और उनकी नियमित नौकरियों को प्रभावित किए बिना व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा सकता है। कुछ हॉस्टलों ने बताया है कि उनके वार्डन 10-12 घंटे काम करते हैं और उन्हें समय नहीं मिल पाता है।

    उन्होंने कहा, हम यह पता लगा रहे हैं कि क्या बैच बनाकर छात्रावास क्षेत्र में शैक्षणिक भाग को कवर किया जा सकता है। तौर-तरीकों पर अभी भी काम किया जा रहा है।

    आत्महत्या के मामलों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें पंखों में एक एंटी-हैंगिंग डिवाइस लगाना अनिवार्य है और कोचिंग संस्थानों को दो महीने तक कोई परीक्षा नहीं लेने का आदेश देना भी शामिल है।

    एंटी-हैंगिंग डिवाइस इंस्टॉलेशन (anti-hanging device installation) को 2017 से कोटा हॉस्टल एसोसिएशन द्वारा प्रोत्साहित किया गया था और आखिरकार इस साल जिला प्रशासन द्वारा इसे अनिवार्य कर दिया गया।

    इस तरह काम करता है एंटी-हैंगिंग डिवाइस

    यदि 20 किलोग्राम से अधिक वजन वाली वस्तु को पंखे से लटका दिया जाए तो उसमें लगा स्प्रिंग फैल जाता है, जिससे किसी भी व्यक्ति द्वारा इस तरह से आत्महत्या करना असंभव हो जाता है। इसके साथ ही इस डिवाइस में लगा सायरन भी बजने लगता है।

    छात्रों द्वारा इस तरह के कदम उठाने से रोकने के लिए कोटा में स्थित छात्रावासों की बालकनियों और लॉबी में एंटी सुसाइट नेट्स (Anti-suicide nets) भी लगाए जा रहे हैं।

    कोटा पुलिस हॉस्टल और पीजी आवास में रहने वाले छात्रों में अवसाद या तनाव के किसी भी लक्षण का पता लगाने के लिए वार्डन, मेस कर्मियों और टिफिन सेवा प्रदाताओं (mess workers and tiffin service providers) की भी मदद ले रही है।

    वार्डन को "दरवाजे पर दस्तक" अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

    शहर पुलिस ने मेस कर्मियों और टिफिन प्रोवाइडर्स से आग्रह किया है कि यदि कोई छात्र बार-बार मेस से अनुपस्थित रहता है और भोजन छोड़ देता है या किसी का टिफिन बिना खाया हुआ पाया जाता है तो वे इसकी भी सूचना दें।

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