Move to Jagran APP

G20 Sherpa Meeting: उदयपुर का दरबार हॉल... राजस्थान के गठन का ही नहीं, जी-20 शेरपा बैठक का भी बनने जा रहा गवाह

Darbar Hall Udaipur उदयपुर का दरबार हॉल राजस्थान के गठन का ही नहीं जी-20 शेरपा बैठक का भी गवाह बनने जा रहा है। इस दरबार हॉल से कई ऐतिहासिक घटनाएं जुड़ी हुई हैं जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

By Achyut KumarEdited By: Published: Sun, 04 Dec 2022 04:36 PM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2022 04:36 PM (IST)
G20 Sherpa Meeting: उदयपुर का दरबार हॉल... राजस्थान के गठन का ही नहीं, जी-20 शेरपा बैठक का भी बनने जा रहा गवाह
G20 Sherpa Meeting Udaipur: उदयपुर का दरबार हॉल

सुभाष शर्मा, उदयपुर। Darbar Hall Udaipur: जी-20 शेरपा की पहली बैठक (G20 Sherpa Meeting) राजस्थान के उदयपुर जिले में होने जा रही है। यह बैठक यहां के ऐतिहासिक दरबार हॉल में होगी, जो जी-20 शेरपा बैठक का गवाह बनेगा। इससे पहले यह उदयपुर, तत्कालीन मेवाड़ के संयुक्त राजस्थान में विलय का गवाह बना था। इसी दरबार हॉल में मेवाड़ राज्य के भारत संघ में विलय के हस्ताक्षर हुए, तब देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने इसी दरबार हॉल में मेवाड़ के अंतिम शासक महाराणा भूपाल सिंह को महाराज प्रमुख की शपथ दिलाई थी।

loksabha election banner

भविष्य की योजनाओं का बड़ा केंद्र

मेवाड़ राजघराने के वंशज लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ बताते हैं कि सिटी पैलेस का दरबार हॉल इतिहास ही नहीं, बल्कि भविष्य की योजनाओं का बड़ा केंद्र हैं। 1909 में महाराणा फतेह सिंह के निमंत्रण पर जब भारत के तत्कालीन वायसराय एवं गवर्नर जनल लॉर्ड मिंटो उदयपुर पधारे, तब 3 नवम्बर 1909 को लॉर्ड मिंटो ने पिछोला झील के पूर्वी तट पर दरबार हॉल की आधारशिला रखी थी। एक शताब्दी के दौरान यह कई अहम बैठकों का गवाह बना।

वह बताते हैं कि दरबाल हॉल भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की उदयपुर यात्रा का गवाह रहा। यह 28 अप्रैल 1948 को उदयपुर एवं मेवाड़ राज्य के संयुक्त राजस्थान में विलय और मेवाड़ राज्य के भारत संघ में विलय का गवाह रहा। यहीं मेवाड़ के तत्कालीन महाराणा भूपाल सिंह ने राजपूताना के महाराज प्रमुख की शपथ ली थी।

संयुक्त राजस्थान के पुनर्गठन की रखी गई नींव

इसके बाद जब देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल उदयपुर आए, तब इसी दरबार हॉल में 14 जनवरी 1949 को संयुक्त राजस्थान के पुनर्गठन की नींव रखी गई। 1962 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की पत्नी जैकलीन कैनेडी भी दरबार हॉल में आयोजित इंटरनेशनल बैठक में भाग ले चुकी हैं। परमाणु विकास को लेकर दरबार हॉल में कई कान्फ्रेंस हो चुकी है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भी भाग ले चुके हैं।

यह भी पढ़ें: G20 Sherpa Meeting: 'अतिथि देवो भव:' के साथ झीलों के शहर में हुआ मेहमानों का भव्य स्वागत; देखें तस्वीरें

इन देशों के प्रतिनिधि बैठक में लेंगे हिस्सा

अब जी-20 शेरपा बैठक में जी-20 समूह के अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाड़ा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूएसए और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि भाग लेंगे, जिसकी अध्यक्षता भारत करेगा। इसके अलावा, इसमें बांग्लादेश, इजिप्ट, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है।

जी-20 शेरपा के अतिथि विशिष्ट लोगों से करेंगे मुलाकात

संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने बताया कि लीला पैलेस में रविवार शाम डिनर से पहले विभिन्न देशों से आने वाले शेरपा प्रबुद्धजनों से सस्टेनेबल डेवलपमेंट से लेकर विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। इस दौरान वे विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति अर्जित कर चुके व्यक्ति जैसे कलाकार, संगीतकार, शिक्षाविद, पर्यावरणविद, चित्रकारों आदि से रूबरू होंगे और उनसे सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर चर्चा करेंगे।

यह रहेगा पैनल डिस्कशन कार्यक्रम

मिली जानकारी के मुताबिक, सर्वप्रथम सायं 5 बजे भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया जाएगा। 5:05 बजे स्पेशल एड्रेस (तीन मिनट का प्री-रिकॉर्डेड संदेश) प्रसारित होगा। इसमें यूएनसीटीएडी महासचिव एवं अर्जेंटीना की पूर्व विदेश मंत्री का संदेश प्रसारित होगा। शाम 5:15 बजे से पैनल डिस्कशन शुरू होगा, जो 6:25 बजे तक चलेगा।

इस दौरान पूर्व यूएन सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी, इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल सदस्य संजीव सान्याल, सीईओ सीईईडब्ल्यू अनुराधा घोष, इकोनॉमिक पॉलिसी वाइस प्रेसीडेंट शमिका रवि एवं यूएन रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर क्षोम बी शार्प द्वारा प्रबुद्धजनों से चर्चा की जाएगी। मुख्य रूप से सतत विकास लक्ष्य एवं सस्टेनेबल डेवेलपमेंट पर फोकस रहेगा। क्लोजिंग रिमार्क क्षोम बी शार्प यूएन रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर द्वारा दिया जाएगा।

ये भी पढ़ें:

जी-20: देश के 50 शहरों में होंगी 200 बैठकें, भारत के सामने नेतृत्व क्षमता साबित करने का मौका

Fact Check: महाराणा प्रताप की तलवार के वजन को लेकर झूठा दावा वायरल, करीब 2 किलो था तलवार का वजन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.