चित्तौड़गढ़ जिले के तेरह साल पुराने दोहरे हत्याकांड में महिला सहित 5 दोषियों को अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा
बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड के मामले में अदालत ने एक महिला सहित पांच व्यक्ति को दोषी ठहराया है।अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई है। जबकि दो आरोपितों की मौत होने पर उनके खिलाफ मामला बंद करने तथा एक आरोपित के फरार होने पर स्थायी वारंट जारी करने के आदेश किए।

उदयपुर, संवाद सूत्र। चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं क्षेत्र में तेरह साल पहले के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड के मामले में अदालत ने एक महिला सहित पांच व्यक्ति को दोषी ठहराया है। उन्हें अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई है। जबकि दो आरोपितों की मौत होने पर उनके खिलाफ मामला बंद करने तथा एक अन्य आरोपित के अभी तक फरार होने पर उसके खिलाफ स्थायी वारंट जारी करने के आदेश किए।
मामला बेगूं में तेरह साल पहले बृजराज सिंह बबलू तथा जीतू उर्फ जीतेंद्र सिंह की गोलियों से भूनकर हत्या करने से जुड़ा है। जिसमें चित्तौड़गढ़ की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने आरोपित सत्येन्द्र सिंह उर्फ भाया, नंदू उर्फ नरेंद्र सिंह, किशन जंगम, वसीम खान और महिला आरोपित शाहीना खान को दोषी मानते हुए अंतिम सांस तक उम्रकैद के साथ पचास-पचास हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई।
मालूम हो कि इस मामले में आरोपित बिट्टू उर्फ दिग्विजय सिंह अभी भी फरार है, जबकि दो आरोपित, भानु प्रताप तथा राजेश कमांडो की मौत हो चुकी।
यह था मामला
जानकारी हो कि दोहरे हत्याकांड की घटना 13 साल पहले 13 मई 2009 की है। बेगूं में इस दिन कोटा के तलवंडी क्षेत्र का बृजराज सिंह उर्फ बबलू तथा जीतेंद्र सिंह उर्फ पिंटू को मौत के घाट उतार दिया गया था। ये लोग उस रात आठ बजे खेड़ली फाटक के समीप बैठे थे।
बताया गया कि बृजराज सिंह साल 2008 में गैंगस्टर लाला बैरागी की हत्या का मुख्य गवाह था और भानुप्रताप और उसके साथियों ने उसकी हत्या की थी। तब से ये लोग भी उसकी जान लेने की फिराक में थे। खेड़ली फाटक पर जब बृजराज सिंह को उसके साथी जितेंद्र के साथ बैठे देखा तो सब ने मिलकर दोनों पर अंधाधुन्ध फायरिंग की, जिसमें दोनों की मौत मौके पर हो गई थी।
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