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    Rajasthan: अंधविश्वास के चलते नवजात को गर्म सलाखों से दागा, जुकाम होने पर भोपे के पास ले गई थी मां

    By Jagran NewsEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Sat, 30 Sep 2023 09:08 PM (IST)

    भीलवाड़ा में एक महीने की बालिका को गर्म सलाखों से दागे जाने का मामला सामने आया है। बच्ची की मां ने जुकाम होने पर उसका उपचार कराने के लिए भोपे के पास लेकर पहुंची थी जहां भोपे ने गर्म लोहे के सलाख से बच्ची को डाम लगाया। बताया गया कि मामला भीलवाड़ा जिले के फूलियाकला थाना क्षेत्र के गांव पनोतिया का है।

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    भीलवाड़ा के एमबी अस्पताल की एनआईसीयू में भर्ती बालिका (जागरण फोटो)

    राज्य ब्यूरो, उदयपुर। भीलवाड़ा में एक महीने की बालिका को गर्म सलाखों से दागे जाने का मामला सामने आया है। बच्ची की मां ने जुकाम होने पर उसका उपचार कराने के लिए भोपे (ग्रामीण क्षेत्र में खुले पूजा स्थलों के पुजारी) के पास लेकर पहुंची थी, जहां भोपे ने गर्म लोहे के सलाख से बच्ची को डाम (दाग) लगाया। इससे बच्ची की हालत खराब हो गई और गंभीर स्थिति में उसे भीलवाड़ा के जिला अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती कराना पड़ा।

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    क्या है पूरा मामला?

    बताया गया कि मामला भीलवाड़ा जिले के फूलियाकला थाना क्षेत्र के गांव पनोतिया का है। यहां रामदास बागरिया की पत्नी सोनिया अपनी एक माह की बेटी सोनिया को जुकाम और निमोनिया से पीड़ित होने पर उपचार के लिए अस्पताल ले जाने की बजाय गांव के भोपे के पास लेकर गई थी। भोपे ने मासूम के पेट को गर्म सलाखों से दाग दिया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, महिला का पति रामदास मजदूरी के चलते भीलवाड़ा से बाहर था।

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    कैसी है मासूम की स्थिति?

    बच्ची के पेट पर दागे जाने की वजह से उसकी तबीयत और बिगड़ गई। जिस पर महिला की मौसी सास उसे करीबी शाहपुरा के हॉस्पिटल लेकर पहुंची। जहां हालत गंभीर होने पर उसे भीलवाड़ा के महात्मा गांधी जिला हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया। बताया गया कि बालिका इस अस्पताल की एनआईसीयू में भर्ती है और उसकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है।

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    उल्लेखनीय है कि मेवाड़-वागड के लोग अभी भी अंधविश्वास के चलते बच्चों का अस्पतालों में उपचार की बजाय भोपों के पास ले जाते हैं। जिसके चलते हर साल दर्जनों बच्चों की जान चली जाती है।