राजस्थान में नहीं खत्म हो रहा गतिरोध, विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक; जानिए पूरा मामला
राजस्थान में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है। मामला तब शुरू हुआ जब शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने इंदिरा गांधी पर टिप्पणी कर दी। नाराज कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में धरना शुरू कर दिया और इस धरने के दौरान स्पीकर वासुदेव देवनानी के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र टिप्पणी की।

पीटीआई, जयपुर। राजस्थान विधानसभा में करीब एक सप्ताह से चल रहा गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार को सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ राज्य के एक मंत्री की टिप्पणी के विरोध में सदन के बाहर मॉक सेशन आयोजित किया।
पिछले शुक्रवार को विधानसभा में राज्य मंत्री अविनाश गहलोत की टिप्पणी को लेकर गतिरोध तब और बढ़ गया, जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्पीकर वासुदेव देवनानी के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र टिप्पणी की।
विधानसभा परिसर के बाहर बैठे विधायक
हाथों में तख्तियां लिए विपक्षी विधायकों ने अपने आवासों से विधानसभा परिसर की ओर मार्च किया और विधानसभा परिसर के बाहर बैठ गए। विधायकों ने नारेबाजी की और अविनाश गहलोत से उनकी टिप्पणी के लिए माफी मांगने की मांग की।
कांग्रेस विधायकों ने सदन के बाहर मॉक 'प्रश्नकाल' भी आयोजित किया, जिसके दौरान विधायक घनश्याम को 'अध्यक्ष' बनाया गया, जबकि अन्य सदस्य उनसे सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं के व्यवहार से संबंधित सवाल पूछते रहे।
सत्ता पक्ष-विपक्ष में गतिरोध बरकरार
- गतिरोध जारी रहने के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि तनाव खत्म करने के लिए दोनों पक्षों को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'यह सब खत्म होना चाहिए, ताकि विधानसभा में बहस हो सके। सत्ता पक्ष और विपक्ष को सहयोग करना चाहिए और अहंकार नहीं होना चाहिए। यह तनाव गैरजरूरी है।'
- विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि वे बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार सदन नहीं चलाना चाहती। उन्होंने कहा, 'सत्तारूढ़ दल के मंत्री ने टिप्पणी की थी। हम तीन दिन तक विधानसभा में सोए हैं। गतिरोध खत्म करने के लिए बातचीत हुई। विपक्ष के तीन नेताओं ने खेद जताया। इसके बावजूद मंत्री जवाब नहीं दे रहे हैं।'
- वहीं गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेधम ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सदन में अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया और उसे अखबारों में प्रमुखता से छापा गया। सवाल उस पर उठ रहा हैं।' उन्होंने कहा कि जनता ने कांग्रेस के विधायकों को चुना है, लेकिन वे सदन से भाग गए।
अविनाश गहलोत ने की थी टिप्पणी
दरअसल डोटासरा ने कथित तौर पर कार्यवाही स्थगित होने के बाद सदन में कांग्रेस के धरने के दौरान देवनानी के खिलाफ टिप्पणी की थी। शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा था, '2023-24 के बजट में हमेशा की तरह आपने (कामकाजी महिलाओं के छात्रावासों पर) योजना का नाम अपनी 'दादी' इंदिरा गांधी के नाम पर रखा था।'
इस टिप्पणी से सदन में हंगामा शुरू हो गया, जिसके कारण तीन बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और छह कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया गया। मंत्री से माफी मांगने और निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में धरना शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन मामला सुलझ नहीं सका, क्योंकि देवनानी और संसदीय कार्य मंत्री डोटासरा के बयान से संतुष्ट नहीं थे।

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