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    'हिंदुत्व सिर्फ राजनीतिक हथियार', शशि थरूर बोले- युवाओं के दिमाग में जहर घोला गया

    जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शशि थरूर रविवार को पुरुषार्थ द फोर वे पार्ट सत्र के दौरान लेखक फ्रांसेस्क मिराल्स और पल्लवी अय्यर के साथ चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हिंदुत्व सिर्फ एक राजनीतिक हथियार है। थरूर ने कहा कि हिंदू धर्म में किसी एक मार्ग को सर्वोत्तम बताने की कोई जगह नहीं है। इसे शंकराचार्य ने भी बताया।

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Sun, 02 Feb 2025 09:22 PM (IST)
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    जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे थे थरूर (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, जयपुर। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लेखक शशि थरूर ने कहा कि हिंदुत्व सिर्फ एक राजनीतिक हथियार है। यह हिंदू धर्म को सीमित करता है। मैंने हिंदू धर्म की जितनी किताबें पढ़ी हैं, उनमें हिंदुत्व से कोई मेल नहीं है।

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    उन्होंने कहा कि हिंदुत्व हिंदुइज्म को एक ईश्वर, एक मंदिर और एक नेता से लेकर एक देश और एक चुनाव तक में सीमित करता है। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में थरूर रविवार को पुरुषार्थ : द फोर वे पार्ट सत्र के दौरान लेखक फ्रांसेस्क मिराल्स और पल्लवी अय्यर के साथ चर्चा कर रहे थे।

    विवेकानंद का दिया हवाला

    स्वामी विवेकानंद का हवाला देते उन्होंने कहा कि कोई शिव कहता है, कोई अल्लाह और कोई ईशा, ईश्वर एक ही है। हिंदू धर्म में किसी एक मार्ग को सर्वोत्तम बताने की कोई जगह नहीं है। इसे शंकराचार्य ने भी बताया। गीता में भी कर्म को प्रधान बताया गया।

    थरूर ने कहा कि महात्मा गांधी भी इसे मानते थे। उन्होंने कहा कि मुझे राम मंदिर जाना है या नहीं, यह मेरी पार्टी तय नहीं करेगी। मैं कुंभ गया और मेरी सुरक्षा से आम लोगों को दिक्कत हो, ऐसे में मैं वहां जाना पसंद नहीं करूंगा। ऐसी जगहों पर वीआईपी को नहीं जाना चाहिए।

    विपक्षी गठबंधन पर भी बोले

    • थरूर ने कहा कि जब आईएनडीआईए बना था, तभी साफ था कि यह लोकसभा चुनाव के लिए है। राज्यों में साथ राजनीतिक हालात पर निर्भर करेगा। दिल्ली में लोकसभा चुनाव के दौरान हम साथ थे, अब नहीं हैं।
    • उन्होंने कहा कि इसलिए न गठबंधन का शोक गीत पढ़ना चाहिए, ना ही जश्न मनाना चाहिए कि गठबंधन के दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। एक सत्र में पत्रकार वीर सांघवी के साथ चर्चा करते उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के युवाओं के दिमाग में विशेष प्रकार का जहर घोला गया है।

    अमोल पालेकर ने सुनाया किस्सा

    फेस्टिवल के एक सत्र में फिल्म अभिनेता अमोल पालेकर ने फिल्म निर्देशक बीआर चोपड़ा से जुड़े एक विवाद का किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि मैं चोपड़ा के पास बकाया मांगने गया, तो उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से बाहर फेंक देने की धमकी दी।

    मैंने जवाब दिया था कि फिल्म इंडस्ट्री आपका बंगला नहीं है। मैं यहां अपने दम पर टिका हूं। मामला ठंडा नहीं हुआ, बात बढ़ गई। मैंने हार नहीं मानी और मामला न्यायालय तक पहुंचा। बाद में ब्याज के साथ पैसा मिला, जिसे मैंने दान में दे दिया।

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