ख्वाजा की दरगाह के स्थान पर हिंदू मंदिर होने का फिर दावा, सर्वे की मांग; आयोग ने जिला प्रशासन से मांगी रिपोर्ट
वाराणसी के ज्ञानवापी के बाद राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा की दरगाह के पूर्व में मंदिर होने का फिर दावा किया गया है। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से सर्वे करवाने की मांग की गई है। उधर इस मामले में दरगाह दीवान और खादिम ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। सर्वे की मांग को लेकर महाराणा प्रताप सेना ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है।

जागरण संवाददाता, जयपुर। वाराणसी के ज्ञानवापी के बाद राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा की दरगाह के पूर्व में मंदिर होने का फिर दावा किया गया है। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से सर्वे करवाने की मांग की गई है। उधर, इस मामले में दरगाह दीवान और खादिम ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
सर्वे की मांग को लेकर महाराणा प्रताप सेना व हिंदू शक्ति दल संगठन ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है। साथ ही कलेक्टर को ज्ञापन देकर शीघ्र सर्वे करवाने की मांग की है। दोनों संगठनों ने पहले 21 फरवरी और फिर बुधवार को सर्वे की मांग की है।
शिव मंदिर और अन्य मृर्तियों के स्थान पर दरगाह बनाई गई
महाराणा प्रताप सेना के अध्यक्ष राज्यवर्द्धन सिंह परमार ने कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पहले हिंदू मंदिर था, जिसे मुस्लिम आक्रांतों ने ध्वस्त कर दिया था। शिव मंदिर और अन्य मृर्तियों के स्थान पर दरगाह बनाई गई है। दरगाह के दरवाजों पर अब भी स्वास्तिक बने हुए हैं। स्वास्तिक हिंदू होने का प्रतिक है। उधर, इस मामले में दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन के पुत्र सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती ने बुधवार को दरगाह पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। नसीरूद्दीन ने यह भी कहा कि दरगाह का मुगलों से कोई संबंध नहीं है।
धार्मिक भावनाएं भड़काने के प्रयासों पर रोक लगाने की मांग
दरगाह के खादिम शकील अब्बासी ने अजमेर के क्लॉक टावर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाकर धार्मिक भावनाएं भड़काने के प्रयासों पर रोक लगाने की मांग की है। पुलिस ने इस मामले में जांच करने की बात कही है।अल्पसंख्यक आयोग तक पहुंचा मामलायह मामला अल्पसंख्यक आयोग तक पहुंच गया है।
आयोग ने जिला प्रशासन से एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी
आयोग ने अजमेर जिला प्रशासन से एक सप्ताह में प्रकरण को लेकर रिपोर्ट मांगी हैं। खादिमों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम को ज्ञापन देकर दरगाह को लेकर की जा रही टिप्पणियों पर रोक लगाने की मांग की है।गुप्ता की गिरफ्तारी की मांगदरगाह खादिमों की संस्था के अध्यक्ष चिश्ती ने बुधवार को अजमेर के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर हिंदू शक्ति दल संगठन के नेता सिमरन गुप्ता की गिरफ्तारी की मांग की है। गुप्ता ने मोइनुद्दीन चिश्ती को कथित तौर पर बालात्कारी और आतंकी बताया था। चिश्ती ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण एवं अपमानजक है।
पहले भी उठा था यह मुद्दा
2022 में भी महाराणा प्रताप सेना ने हिंदू धार्मिक चिह्न स्वास्तिक के होने का दावा करते हुए तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर एएसआई से सर्वे करवाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि दरगाह के स्थान पर पहले शिव मंदिर था। बाद में सामने आया कि दरगाह में स्वास्तिक बताकर जो फोटो सार्वजनिक की गई थी, वह असल में दरगाह से करीब आधा किलोमीटर दूर स्थित ढाई दिन के झोंपड़े के नाम से प्रसिद्ध एक स्मारक पर लगी खिड़की की थी। उस खिड़की पर स्वास्तिक मौजूद था।
नसीरूद्दीन की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई
दरगाह के थानाधिकारी नरेन्द्र जाखड़ ने कहा, नसीरूद्दीन की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई है। इसमें कहा गया है कि हिंदू शक्ति दल संगठन ने दरगाह को मंदिर बताकर धार्मिक भावनाएं भड़काने के उद्देश्य से गलत टिप्पणी की है। इससे मुस्लिम समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।
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