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    VIP कोटे से टीचर की नौकरी दिलाने के नाम पर 38 लाख की ठगी करने वाला उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार, 4 साल से फरार था आरोपी

    Updated: Mon, 23 Dec 2024 08:19 PM (IST)

    अजमेर पुलिस ने 38 लाख रुपये की ठगी के आरोप में एक व्यक्ति को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है। आरोपी भानु प्रताप सिंह ने राजस्थान लोक सेवा आयोग में शिक्षक भर्ती के नाम पर कई लोगों से पैसे ऐंठे थे। वह पीड़ितों को वीआईपी कोटे से नौकरी दिलाने का झांसा देता था। बाद में उसने पैसे जुए में उड़ा दिए और फरार हो गया।

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    नौकरी लगवाने का झांसा देर 38 लाख रुपए ऐंठने वाला उत्तर प्रदेश से पकड़ा गया।

    जेएनएन, अजमेर। देश में ऑनलाइन और ऑनलाइन ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। अजमेर की सिविल लाइन पुलिस ने राजस्थान लोक सेवा आयोग की द्वितीय श्रेणी यानी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में वीआईपी कोटे से नियुक्ति कराने के नाम पर ठगी करने वाले को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश निवासी भानु प्रताप सिंह के तौर पर हुई है। आरोपी ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर 38 लाख से ज्‍यादा लोगों से ठगी की। अजमेर पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।

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    सिविल लाइन थाना प्रभारी ने मामले के बारे में बताया कि परिवादी शिक्षक नरेंद्र पाल सिंह कुर्डिया की बहन सुनीता कुर्डिया की राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के जरिए द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 की तैयारी कर रही थी।

    शिक्षक नरेंद्र पाल सिंह कुर्डिया ने अपनी बहन सुनीता कुर्डिया की राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के जरिए द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 में नौकरी लगाने के लिए भानु प्रताप सिंह के कहने पर रकम दी थी। इतना ही नहीं पीड़ित ने अन्य साथियों से भी आरोपी भानु प्रताप सिंह को दिलाई थी।

    कहा- आयोग के अधिकारियों से अच्‍छी पहचान

    पीड़ित नरेंद्र पाल ने जांच कर रही पुलिस टीम को बताया कि आरोपी भानु प्रताप सिंह भी पहले उसकी बहन सुनीता कुर्डिया के साथ न्यू मॉडर्न स्कूल भोपों का बाड़ा में ही पढ़ाता था।

    भानु प्रताप सिंह ने खुद को राजस्थान लोक सेवा आयोग के अफसरों से अच्छी पहचान के बारे में बताया। साथ ही कहा कि वो चाहे तो कुछ लोगों की वीआईपी कोटे से शिक्षक भर्ती करवा सकता है। आरोपी ने सुनीता कुर्डिया को भी यही सब्जबाग दिखाकर रकम ऐंठ ली थी।

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    आरोपी भानु प्रताप सिंह ने पीड़ितों से रकम ऐंठ ली, लेकिन जब किसी की नौकरी नहीं लगी और उन्‍होंने अपने पैसे वापस मांगे तो वह सभी को कोई ना कोई बहाना बनाकर टाल देता। इस दौरान देश में कोरोमा महामारी आ गई, जिस कारण देश में लॉकडाउन लग गया। आरोपी ने ऑनलाइन गेम खेलने की लत में सारे पैसे गंवा दिए।

    इसके चलते लोगों से ली गई रकम भी उसने जुए में उड़ा दी। पुलिस ने बताया कि परिवादी की सूचना पर पुलिस ने टीम बना कर जांच की तो आरोपी अपना मोबाइल बंद कर भूमिगत हो गया। किसी तरह प्रयास कर आरोपी को उत्तर प्रदेश से पकड़ लिया। अब उसे अदालत में पेश किया जाएगा।

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