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    Rajasthan: अहमद पटेल के बेटे का आरोप, राजस्थान में नहीं हो रहे अल्पसंख्यकों के काम

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Sat, 20 Aug 2022 07:31 PM (IST)

    Rajasthan अहमद पटेल के पुत्र फैसल पटेल अपनी अनदेखी से नाराज हैं। फैसल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से संपर्क नहीं होने पर अपनी नाराजगी जताई है। फैसल ने गरीब अल्पसंख्यकों के साधारण काम तक नहीं होने का भी मुद्दा उठाया है।

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    अहमद पटेल के बेटे का आरोप, राजस्थान में अल्पसंख्यकों के काम नहीं हो रहे। फाइल फोटो

    जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan News: कांग्रेस के दिग्गज नेता स्वर्गीय अहमद पटेल (Ahmad Patel) के पुत्र फैसल पटेल (Faisal Patel) अपनी अनदेखी से नाराज हैं। फैसल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से संपर्क नहीं होने पर अपनी नाराजगी जताई है। फैसल ने शनिवार सुबह चार बजकर 57 मिनट पर ट्वीट कर अशोक गहलोत के विशेषाधिकारी पर निशाना साधा। हालांकि पांच घंटे बाद दस बजे उन्होंने ट्वीट को डिलीट कर दिया। फैसल ने लिखा कि मुख्यमंत्री के ओएसडी शशिकांत शर्मा आप मेरा फोन क्यों नहीं उठाते? जबकि मेरे पिता के स्वर्गवास के बाद राजस्थान के गरीब अल्पसंख्यक लोग लगातार मुझे फोन करते हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मुझसे उम्मीद रहती है। वे अपने हो सकने वाले काम करवाने के लिए मुझसे उम्मीद रखते हैं।

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    अल्पसंख्यकों के काम नहीं होने पर विधायक वाजिब अली भी जता चुके हैं नाराजगी 

    फैसल के बर्ताव को लेकर कांग्रेस की बैठकों में भी कई नेता सवाल उठा चुके हैं। अब अहमद पटेल के बेटे ने सीएम के ओएसडी पर जवाब नहीं देने का आरोप लगाकर फिर से बहस छेड़ दी है। फैसल ने गरीब अल्पसंख्यकों के साधारण काम तक नहीं होने का भी मुद्दा उठाया है। अल्पसंख्यकों के काम नहीं होने पर बसपा मूल के विधायक वाजिब अली भी नाराजगी जता चुके हैं। फैसल पटेल इससे पहले कांग्रेस आलाकमान की बेरुखी को लेकर नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने इस साल अप्रैल में कहा था कि इंतजार करते-करते थक गया हूं।

    इधर, राजस्थान में दलितों पर अत्याचार कम होने के बजाय बढ़ रहे हैं। दलितों पर बढ़ते अत्याचार से आहत होकर कांग्रेस के विधायक पानाचंद मेघवाल ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। मेघवाल ने गत दिनों अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष डा. सीपी जोशी को भेजा। मेघवाल ने अपने इस्तीफे में लिखा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी प्रदेश में दलित और वंचित वर्ग पर लगातार हो रहे अत्याचारों से मेरा मन आहत है। मेरा समाज जिस प्रकार यातानाएं झेल रहा है, उसका दर्द शब्दों में नही कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दलित और वंचितों को कहीं मटकी से पानी पीने तो कहीं घोड़ी पर बैठने और मूंछ रखने के कारण यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा जाता है। पुलिस अधिकांश मामलों को फाइलों में बंद कर देती है। मेघवाल अटरू सीट से विधायक हैं।